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Waqf Amendment Bill Latest Update : न अंग्रेजी न हिंदी में मुझे यह समझ.. अखिलेश यादव ने सदन कह दी ऐसी बात, अमित शाह बोले- … अभी वक्त लगेगा

नई दिल्लीः Waqf Amendment Bill Latest Update लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश हो गया है। संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को सदन में पेश किया। इस बिल पर अपनी बात रखते हुए सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि न अंग्रेजी और न हिंदी में मुझे यह समझ में आया। यूनिफाइड वक्फ, मैनेजमेंट…! भाजपा में एक मुकाबला चल रहा है कि कौन बड़ा है। जो पार्टी यह कहती हो कि यह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। यह तय नहीं कर पा रही है कि पार्टी का अध्यक्ष कौन होगा।

इस पर अमित शाह ने कहा कि सामने जितनी पार्टियां हैं, उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष सिर्फ 5 लोगों को चुनना है, परिवार को। हमारे यहां करोड़ों लोग हैं। हमारे यहां अध्यक्ष चुनने में वक्त लगेगा। मैं कहता हूं आप 25 साल तक अध्यक्ष रहोगे। अखिलेश ने कहा कि अभी जो नागपुर की यात्रा हुई है। गुपचुप तरीके से सोशल मीडिया पर जो बात चल रही है, वह 75 साल के एक्सटेंशन की यात्रा तो नहीं है। अखिलेश ने आगे कहा कि आप लोगों ने नोटबंदी का फैसला लिया। नाकामी नोटबंदी की नहीं, नाकामी बेरोजगारी की है। किसानों की आय दोगुनी नहीं कर पाए। गंगा-यमुना साफ हो गई। गोद लिए हुए गांवों की क्या दुर्दशा है। नाकामी का पर्दा इस बार वक्फ बिल बना है। जिसके लिए फैसला होना है, उसकी बात को अहमियत ना देना भी नाइंसाफी है।

‘नाकामी छिपाने के लिए बिल लाती है भाजपा’

सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि यह देश मिली-जुली संस्कृति से बना है। अभी कुछ दिन पहले ईद थी। परंपरा रही है कि न केवल मैं जाता हूं, बल्कि हर दल के नेता जाते हैं। भाजपा के नेता भी जाते हैं। पता नहीं इस बार क्या साजिश थी कि कुछ पाबंदी लगी हुई थी। किसी कारण पाबंदी थी तो बात समझ आती। किसी को नहीं पता था कि क्यों पाबंदी लगी। मंत्री जी (किरेन रिजिजू) भगवान बुद्ध के रास्ते पर चलते हैं। वह रास्ता दूसरा है। हम आपको अपना मानते हैं, जब आप हमारे बहुत सारे ग्रंथो, पुराणों, उपनिषदों को नहीं मानते। तब भी हम आपको स्वीकार करते हैं और गले लगाते हैं। दूसरे धर्म के बारे में नहीं जा सकता हूं, लोग नाराज हो जाएंगे। बिहार के चुनाव में देखूंगा कि भाजपा कितनी महिलाओं को टिकट देगी। भाजपा जब भी नया बिल लाती है तो नाकामी छिपाती है। भाजपा वक्फ की जमीन चिह्नित करने की बात कह रहे हैं, ताकि महाकुंभ में जो हिंदू मारे गए, उन्हें चिह्नित करने की बात पर पर्दा पड़ जाए।

अखिलेश ने कहा- कुंभ में कितनों की जान गई, सरकार लिस्ट दे

अखिलेश ने कहा कि कुंभ में आस्था सबकी है। कोई ऐसा नहीं जिसकी आस्था न हो। पहली बार नहीं हो रहा था। भाजपा ने ऐसा प्रचार किया कि 144 वर्षों बार पहली बार महाकुंभ हो रहा है। सरकार बोली कि तैयारी 100 करोड़ की है। जिस तरह लोगों की जान गई। सरकार खुद बोली कि 30 लोग मारे गए। कहते हैं कि डिजिटलाइजेशन कर रहे हैं। सरकार बताए कि जान किसकी गई, एक हजार खो गए। उसकी लिस्ट कहां है। धर्म-कारोबार की बात है। कारसेवकों पर गोली चलाने की बात मैंने नहीं कही। हम पर FIR नहीं हुई थी। मुद्दा ना भटकाएं।

‘क्या डिफेंस-रेलवे की जमीन बेचीं नहीं जा रही?’

Waqf Amendment Bill Latest Update अखिलेश ने कहा कि वक्फ पर कारोबार की बात कह रहे हैं। धर्म की चीजों से कारोबार नहीं हो सकता। यूपी के मुख्यमंत्री बोले कि कारोबार होगा। 30 की गिनती पर अटके हुए हैं, जैसे तीसमार खां हो। कारोबार का पूछा तो बोले कि 30 गुणा 10 हजार करोड़। कुंभ से कारोबार की बात कर रहे हैं। मंत्री बोल रहे हैं कि डिफेंस और रेलवे की जमीन भारत की है। मैं भी यह मानता हूं। क्या डिफेंस और रेलवे की जमीनें नहीं बेची जा रही हैं। वक्फ की जमीन से बड़ा मुद्दा वो जमीन है, जिस पर चीन ने अपने गांव बसा लिए हैं। कोई सवाल न करे इसलिए यह बिल लाया जा रहा है। जिस प्रदेश से मंत्री आते हैं कम से कम यह तो बता दें कि चीन ने कितने गांव बसा लिए हैं।

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अखिलेश बोले- वक्फ बिल से कोई उम्मीद नहीं

अखिलेश ने कहा कि वक्फ बिल में न तो नीति सही है और न नीयत। देश के करोड़ों लोगों से घर-दुकान छीनने की साजिश है। भाजपा अलोकतांत्रिक पार्टी है। वह असहमति को अपनी शक्ति मानती है। सरकार वक्फ बिल लाने की जिद क्यों कर रही है? यह सांप्रदायिक राजनीति का नया रूप है, जिद है। बाहर ये लिखते हैं सत्यमेव जयते, भाजपाई अंदर असत्य बात कहते। वोट को संभालने के लिए बिल लाया गया है। भाजपा चाहती है कि मुस्लिम समुदाय को ये लगे कि उनका हक मारा जाए। वोटों का ध्रुवीकरण हो। इससे जितना फायदा होगा, उसका वो लाभ उठाएंगे। ये वक्फ बिल कोई उम्मीद लेकर नहीं आ रहा। ये सोची-समझी रणनीति का मसला है। ये मुस्लिमों में भी बंटवारा चाहते हैं। हमारे एक सदस्य कह रहे हैं कि चुनाव बहुत बढ़िया हो रहा है, वोट ही नहीं पड़ने दिया।

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