नये वर्ष में चन्द्रगिरी में चन्द्रप्रभु का 1008 कलशों से हुआ महामस्तभिषेक, 108 दीपों से हुई संध्या आरती

नये वर्ष में चन्द्रगिरी में चन्द्रप्रभु का 1008 कलशों से हुआ महामस्तभिषेक, 108 दीपों से हुई संध्या आरती
देवेन्द्र गोरले सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़- डोंगरगढ़- 1 जनवरी 2020 को नये वर्ष के अवसर पर जैनियों के तीर्थस्थल दिगम्बर जैन चन्द्रगिरी में परम् पूज्य 108 आचार्य विद्यासागर जी महाराज की आज्ञानुवर्ती शिष्या 105 आर्यिका श्री तपोमती माताजी ससंघ के सानिध्य में 1008 कलशों से श्री चन्द्रप्रभु भगवान का रिद्धि सिद्धि मंत्रो
निखिल जैन के गीतों से सजी संगीतमय महामस्तभिषे्क एवं आचार्य विद्यासागर जी महाराज के स्वास्थ्य लाभ के लिए तपोमती माताजी के द्वारा शांति धारा का वाचन किया किया गया। इसके बाद दोपहर 3 बजे शांति विधान तथा संध्या बेला में भक्तामर स्त्रोत एवं 108 दीपों से आरती की गई। राजिम से आये पंडित ऋषभ कुमार शास्त्री के द्वारा
विधि विधान से महामस्तभिषे्क एवं शांति विधान की पूजा समपन्न कराई। इस मौके पर डोंगरगढ़ के अलावा खैरागढ़, राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर, जबलपुर, विदिशा, बालाघाट, धमतरी सहित अन्य स्थानों से जैन धर्मावलंबियों ने उपस्थिति दर्ज कर पूण्य लाभ अर्जित की।
वाहन चलाते समय मोबाइल पर नहीं करें बात-तपोमती माताजी- दूर-दूर से भक्तों को आशीर्वचन देते हुए तपोमती माताजी ने कहा कि आज नये वर्ष के शुभ अवसर पर सभी भक्तजन यह संकल्प लें कि वाहन चलाते समय कभी मोबाइल पर बात नहीं करनी चाहिए।उन्होंने आचार्य विद्यासागर के संयम सवर्ण महोत्सव का उल्लेख करते हुए कहा कि जहाँ एक ओर सारा हिंदुस्तान यह राह देख रहा था कि आचार्य जी के संयम के 50 वर्ष कहाँ पूरे होंगे और संयम सवर्ण महोत्सव मनाने का सौभाग्य किसे मिलेगा पर यह सौभाग्य छत्तीसगढ़ की धर्मनगरी डोंगरगढ़ में स्थापित चन्द्रगिरी को मिला जहाँ पर आचार्य विद्यासागर जी ने अपने 50 वर्ष पूरे किए और डोंगरगढ़ जैन समाज के लोगों ने बड़े ही धूमधाम से आचार्य जी के संयम का सवर्ण महोत्सव मनाया।
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