PM Modi in Khajuraho River Linking Project: पीएम मोदी ने खजुराहो में मध्यप्रदेश के लिए कही ये बात, जानकर गर्व से चौड़ा हो जाएगा सीना
छतरपुरः पीएम मोदी ने आज मध्यप्रदेश के खुजराहो से केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास किया। इसके अलावा उन्होंने ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन भी किया। इस मौके पर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। वाजपेयी पर डाक टिकट जारी किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश की जमकर तारीफ की। तो चलिए प्वाइंट्स के जरिए समझते हैं पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश के लिए क्या-क्या बातें कही:-
- मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य जहां नदियों को जोड़ने के अभियान के तहत दो परियोजनाएं शुरु हो गईं, इस समझौते का बड़ा लाभ मध्यप्रदेश को होने जा रहा है।
- गुजरात में ज्यादातर समय सूखा रहता था, लेकिन मध्यप्रदेश से निकली मां नर्मदा ने गुजरात का भाग्य बदल दिया।
- मैने बुंदेलखंड के लोगों से वादा किया था आपकी मुश्किलें कम करने के लिए ईमानदारी से काम करुंगा। इसी सोच के तहत 45 हजार करोड़ की योजना बनाई थी।
- मध्यप्रदेश में 10 साल में पांच लाख हैक्टेयर भूमि माइक्रो इरिगेशन से जुड़ी है, मध्यप्रदेश टूरिज्म के मामले में अव्वल रहा, पर्यटन य़ुवाओं को रोजगार और अर्थव्यवस्था को ताकत देता है।
- अमेरिका के अखबार ने प्रकाशित किया कि मध्यप्रदेश दुनिया के सबसे आकर्षक 10 स्थानों में से एक है..मध्यप्रदेश में इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं, खजुराहो में जी 20 की बैठक भी रखी गई थी।
- खजुराहो, ग्वालियर, ओरछा, चंदेरी, मांडू, हैरिटेज सर्किट में शामिल किये गये हैं और पन्ना नेशनल पार्क को वाइल्ड लाइफ सर्किट से जोड़ा गया। पर्यटन बढ़ाने के सारे प्रयास अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मददगार हैं।
- बीते दो दशकों में मध्यप्रदेश ने अनेक पैमानों पर शानदार काम किया है। आने वाले समय में बुंदेलखंड का रोल विकसित भारत विकसित मध्यप्रदेश बनाने में बड़ी भूमिका होगी।
PM मोदी ने 3 नेताओं का जिक्र
1. अटल बिहारी बाजपेयी: प्रधानमंत्री ने कहा, “एमपी में आज हजारों करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की शुरुआत हुई है। आज बहुत प्रेरणादायी दिन है। आज अटलजी की जन्म जयंती है। आज उनके जन्म के 100 साल हो रहे हैं। उन्होंने मुझ जैसे कई कार्यकर्ताओं को सिखाया है। देश के विकास में अटलजी का योगदान हमारे स्मृति पटल पर अटल रहेगा।”
2. भीम राव अंबेडकर: PM ने कहा, “भारत में जो बड़ी नदी परियोजनाएं बनीं, इनके पीछे डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का ही विजन था। आज जो केंद्रीय जल आयोग है इसके पीछे भी डॉ. अंबेडकर के ही प्रयास थे, लेकिन कांग्रेस ने कभी जल संरक्षण के प्रयासों और बांधों के लिए बाबा साहेब को क्रेडिट नहीं दिया। किसी को पत भी नहीं चलने दिया।”
3. जवाहर लाल नेहरू: मोदी ने नेहरू का नाम नहीं लिया पर इशारा देते हुए बोले, “पानी के लिए दूरदर्शी आयोजन पर सोचने का क्रेडिट एक ही व्यक्ति ( जवाहर लाल नेहरू) को देने के नशे में सच्चे सेवक को भुला दिया गया। आज मैं बताता हूंद्व देश आजाद होने के बाद भारत की जल शक्ति, भारत के जल संसाधन, भारत में पानी के लिए बांधों की रचना… इन सबकी दूरदृष्टि किसी एक महापुरुष को क्रेडिट जाता है तो उस महापुरुष का नाम है बाबा साहेब अंबेडकर।”
ऐसे समझे पूरी खबर
1. पीएम मोदी ने खजुराहो में किन परियोजनाओं का उद्घाटन किया?
पीएम मोदी ने खजुराहो में केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास किया और ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन भी किया।
2. पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश के बारे में क्या कहा?
पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य में नदियों को जोड़ने के अभियान के तहत दो परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश के पर्यटन, कृषि और जल संसाधन में किए गए कार्यों की सराहना की।
3. पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी, बाबा साहेब अंबेडकर और जवाहरलाल नेहरू का किस संदर्भ में जिक्र किया?
पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके योगदान को हमेशा स्मरण किया जाएगा। उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के जल शक्ति और बांधों के निर्माण में योगदान की सराहना की और नेहरू के संदर्भ में कहा कि पानी के लिए दूरदर्शी सोच का क्रेडिट बाबा साहेब अंबेडकर को जाना चाहिए था।
4. पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश के पर्यटन के बारे में क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं और राज्य को पर्यटन के मामले में विशेष पहचान मिली है। उन्होंने खजुराहो, ग्वालियर, ओरछा और पन्ना नेशनल पार्क को पर्यटन सर्किट में जोड़े जाने की बात की।
5. केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का क्या उद्देश्य है?
केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का उद्देश्य बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट को दूर करना और सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इससे मध्यप्रदेश के 10 जिलों को लाभ होगा।