124 दिन से बंद अचानकमार के गेट कल से पर्यटकों के लिए खुलेंगे, जानिए किस क्षेत्र में दिख सकते हैं वन्यप्राणी
सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़-बिलासपुर अचानकमार टाइगर रिजर्व के गेट पर्यटकों के लिए एक नवंबर से खुलने वाले हैं। 124 दिन बाद पर्यटक जंगल की सैर कर पाएंगे। मानसून लेट होने के कारण इस बार जंगल विभाग ने 30 जून को पर्यटकों के लिए गेट बंद किया था। एसडीओ संजय लूथर ने बताया कि गुरुवार से जंगल का गेट पूरी तरह पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। टाइगर रिजर्व को बंद करने के पीछे बड़ी वजह बारिश है। लगातार बारिश के कारण जंगल की स्थिति सैर करने योग्य नहीं रहती है, क्योंकि यहां के सारे भ्रमण रूट कच्चे हैं, जाे बारिश की वजह से कीचड़ में तब्दील हो जाते हैं। सीसीएफ पीके केशर का कहना है कि बेसब्री से इंतजार कर रहे पर्यटक अब पूरी तरह जंगल घूम सकते हैं।
तीन रूटों की सैर कराई जाएगी
सतपुड़ा मैकल की पहाड़ियाें से घिरे एटीआर के जंगल में हर समय पर्यटकों की भीड़ रहती है। छत्तीसगढ़ समेत विदेशों से लोग यहां सैर के लिए आते हैं। इन दिनों टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को सैर के लिए तीन रूटों की सैर कराई जाती है। तीनों रूट का सेंटर जल्दा को बनाया गया है। यहां घास का बहुत बड़ा मैदान है। सबसे ज्यादा वन्यप्राणी इसी एरिया में देखने को मिलते हैं। बाघ, बाइसन, तेंदुआ, चीतल और कई प्रकार की चिड़िया यहीं देखने को मिलती हैं। इसी क्षेत्र में मनियारी नदी का उद्गम भी है जहां जानवर पानी पीने के लिए आते हैं।
अचानकमार गेट पर होती है बुकिंग
सबसे पहले पर्यटकों को अचानकमार गेट पहुंचना होगा। गेट के पास ही बुकिंग काउंटर है। यहां जिप्सी या मिनी बस बुक करा सकते हैं। तीन रूट बताए जाएंगे। रूट नंबर एक, दो या फिर तीन। आपकी मर्जी जानने के बाद एक रूट पर आपको घुमाया जाएगा। गाइड करने वाला एक व्यक्ति भी रहेगा। तीनों रूट 46 से 50 किलोमीटर के दायरे में हैं।
शिवतराई में ठहरने की व्यवस्था
शिवतराई में 22 कमरों का रिसॉर्ट बनाया गया है। यहां पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। एक रिसॉर्ट में दो लोग रह सकते हैं। 24 घंटे का किराया 900 रुपए है। रिसोर्ट के पास कैंटीन भी है। सैलानियों के भोजना आदि की व्यवस्था यहीं की गई है। जंगल विभाग ने पर्यटकों की सैर के लिए 7 जिप्सी और एक मिनी बस के इंतजाम किए हैं।
जानिए कौन सा रूट कहां जाता है
रूट नंबर-1. अचानकमार से सिहावल सागर, जल्दा, छपरवा, बीच में मनियारी नदी होते हुए अचानकमार में ही समाप्त होता है। 50 किलोमीटर के इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा जानवर देखने को मिलते हैं।
रूट नंबर-2. 46 किलोमीटर में कई रमणीय स्थल हैं। यह अचानकमार से शुरू होगा और बांधी, मांझाडोगरी, सराईपानी, अामानाला, जल्दा और छपरवा होते हुए अचानकमार में समाप्त होता है। इस क्षेत्र में जल्दा के आसपास जानवर देखने को मिलेंगे।
रूट नंबर-3. अचानकमार से पिपरहा, मांझाडोंगरी, आमानाला, जल्दा और छपरवा होते हुए अचानकमार तक 48 किलोमीटर का सफर है। पर्यटकों को इस एरिया में मांझाीडाेंगरी के पास ज्यादातर वन्यप्राणी नजर आएंगे।
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