राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता की तैयारी अंतिम चरण पर, खेलकूद में होंगे आकर्षक मार्च पास्ट
कोंडागांव। राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता 2019( टेनिस बॉल क्रिकेट, मलखम्ब, थ्रोबाल, तीरंदाजी) का आयोजन कोंडा गांव में दिनांक 19/10/ 2019 से 22/10 /2019 के मध्य संपन्न होना है! उक्त प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों से लगभग 1200 प्रतिभागी छात्र-छात्राएं भाग लेंगे! छत्तीसगढ़ राज्य को खेल के दृष्टिकोण से 12 जोनों में विभक्त किया गया है।
उक्त खेल प्रतियोगिता में 14 ; 17 एवम 19 वर्ष के आयु वाले छात्र-छात्राएं भाग लेंगे! राज्य स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता को सफल बनाने हेतु जिला कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सतत निगरानी करते हुए सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अलग-अलग दायित्व निर्माण करने हेतु निर्देशित किया गया है। उपरोक्त प्रतियोगिता को सफल बनाने में सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उत्साह पूर्वक अपने अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
इसी कड़ी में मार्च पास्ट संयोजक श्री रूप उग्रेस मरकाम, व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मड़ानार ,सह संयोजक श्री ऋषि देवसिंह व्यायाम अनुदेशक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दहीकोंगा, सदस्य श्री तरुण नाग वरिष्ठ आचार्य सरस्वती शिशु मंदिर कोंडागांव, श्रीमती सी के कोर्राम व्याख्याता शा कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल कोंडागांव, श्रीमती मंजू मिश्रा मिश्रा ब्यायाम अनुदेशक शासकीय उ माध्यमिक विद्यालय केशकाल, श्रीमती लीना तिवारी अनुदेशक शा उ माध्यमिक विद्यालय जैतपुरी मार्च पास्ट को सफल एवम आकर्षक रूप से प्रस्तुत करने हेतु अंतिम चरण में लगे हुए हैं।
उपरोक्त क्रीड़ा प्रतियोगिता को 12 जोन में विभाजित किया गया है, जिनमें कुमारी मधु साहू शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोंडागांव छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। शेष 12 छात्र-छात्राएं 12 जोन का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत के अलग-अलग राज्यों का विभिन्न वेशभूषा में नजर आएंगे जिनमें कुमारी डिंपल देहारी कबीरधाम, कुमारी भवानी पोयम जांजगीर, कुमारी नेहा सेन बिलासपुर, कुमारी उषा देवांगन राजनांदगांव कुमारी उमरानी दास सरगुजा, कुमारी प्रतिभा नेताम जसपुर, कुमारी उमा सोरी बस्तर, कुमारी रीना मरकाम कोरिया, कुमारी रश्मि नागेस कांकेर, कुमारी आशा विश्वास रायपुर, कुमारी संगीता ठाकुर दुर्ग, कुमारी टोसिना कश्यप कोंडा गांव का प्रतिनिधित्व करेंगे मार्च पास्ट के माध्यम से बस्तर की संस्कृति तथा उपयोग में आने वाले विभिन्न वस्तुओं की झलक देखने को मिलेंगे।