छत्तीसगढ़

दूल्हा देव महोत्सव में संस्कार साहित्य मंच का धमाल Sanskar Sahitya Manch in Dulha Dev Festival

 

 

*दूल्हा देव महोत्सव में संस्कार साहित्य मंच का धमाल*

गत दिनाँक 26 मार्च दिन शनिवार को बंसुला के आईटीआई ग्राउंड में छत्तीसगढ़ चौहान सेना द्वारा आयोजित दूल्हा देव महोत्सव में संस्कार साहित्य मंच छत्तीसगढ़ के कवि-कवयित्रीयों को हास्य कवि सम्मेलन हेतु आमंत्रित किया गया था जिसमें मंच के समस्त साहित्यकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया।
नीलांचल समिति के अध्यक्ष श्री संपत लाल अग्रवाल जी के आतिथ्य में कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मंच संचालन के कार्यभार का निर्वहन गणपत देवदास एवं सुकमोती चौहान रुचि ने शानदार जुगलबंदी से कि तथा चंदर सिंह सिदार ने अपने मधुरिम आवाज से माँ शारदे की वंदना की।
काव्यपाठ की शुरुआत धनीराम नंद मस्ताना ने छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना करते हुए कहा कि “तोला धान के कटोरा कइथे, मोर छत्तीसगढ़ महतारी”, अगले क्रम में डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर ने अपनी प्रियतमा को इंगित करते हुए लाजवाब मुक्तक प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में रूक्मणी प्रमोद भोई ने श्रृंगार के शायरी प्रस्तुत किया, मानक दास मानिकपुरी उर्फ मानक छत्तीसगढ़िया ने हँसी के छोटे-छोटे पटाखों से लोगों को गुदगुदाया, परशुराम चौहान ने बेहतरीन ग़ज़ल से लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया, गोकुलानंद चौहान चुलबुले ने हँसी के बुलबुले से लोगों को गुदगुदाया, जाॅन सिदार ने अपने मिमिक्री का लोहा मनवाया, सुंदर लाल डडसेना मधुर ने वीर रस में प्रस्तुति देते हुए द कश्मीरी फाईल्स के पन्ने खोले एवं शंकर सिंह सिदार व खीरसागर चौहान ने भी अपनी शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्कार साहित्य मंच के अन्य साहित्यकार साथी क्रमशः तेरस कैवर्त आँसू, ललित कुमार भार, गीता सागर, प्रेम चंद साव एवं विनोद कुमार चौहान जोगी ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया। और इस तरह कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में सभी साहित्यकारों को छत्तीसगढ़ चौहान सेना अध्यक्ष चातुरी डिग्रीलाल नंद ने दूल्हा देव साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया। साथ ही मंच के अध्यक्ष सुकमोती चौहान रुचि ने आभार व्यक्त करते हुए आगामी दिनों में भी ऐसे सफल आयोजन की कामना के साथ हास्य कवि सम्मेलन के समाप्ति की घोषणा की।

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