छत्तीसगढ़

प्रदेश के सभी प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में उन्नयन का काम इस साल पूरा करने का लक्ष्य The target of completing the work of upgrading all the primary and sub-health centers of the state into health and wellness centers this year,

प्रदेश के सभी प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में उन्नयन का काम इस साल पूरा करने का लक्ष्य,

स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा सीजीएमएससी के कार्यों की समीक्षा की,

कोरोना पर नियंत्रण की स्थिति को देखते हुए पूर्ण सतर्कता बरतते हुए नॉन-कोविड स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी लाने के दिए निर्देश,

जांजगीर-चांपा – लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को नियंत्रण में देखते हुए अस्पतालों में पूर्ण सतर्कता बरतते हुए नॉन-कोविड सेवाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में ब्लड-बैंकों की संख्या बढ़ाने कहा। उन्होंने नवगठित गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के जिला अस्पताल में जल्द से जल्द ब्लड-बैंक की स्थापना के भी निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला और सचिव श्रीमती शहला निगार भी समीक्षा बैठक में मौजूद थीं।

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने समीक्षा बैठक में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए विभागीय अमले द्वारा युद्ध स्तर पर किए कार्यों की सराहना की। उन्होंने इस दौरान प्रदेश में चार नए वायरोलॉजी लैबों और ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थापना के लिए सीजीएमएससी द्वारा किए गए त्वरित कार्यों की भी प्रशंसा की। स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के ऐसे सभी अस्पतालों जहां शिशु रोग विशेषज्ञ पदस्थ हैं, वहां एसएनसीयू (Special Neonatal Care Unit) स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश भर में कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए किए जा रहे कार्यों में तेजी लाने कहा। श्री सिंहदेव ने बरसात के दिनों में पीलिया और डेंगू के खतरों को देखते हुए इनसे बचने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और स्थानीय नगर निगमों व नगर पालिकाओं के साथ समन्वय कर प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर अत्यावश्यक दवाईयों की नियमित खरीदी सुनिश्चित करने के लिए ईडीएल (Essential Drug List) को संशोधित करने कहा। उन्होंने उचित दामों पर दवाईयों की आपूर्ति के लिए सीजीएमएससी द्वारा दवा निर्माता कंपनियों के साथ किए जाने वाले दर अनुबंध (Rate Contract) का भी नवीनीकरण करने कहा।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बैठक में बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांकों में लगातार सुधार हो रहा है। प्रदेश में संस्थागत प्रसवों की संख्या बढ़कर 75 प्रतिशत से अधिक हो गई है। टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत 94 प्रतिशत बच्चों को नियमित टीके लगाए जा रहे हैं। राज्य में अभी 3100 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत तक सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप स्वास्थ्य केंद्रों का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में उन्नयन का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदेश के छह जिला अस्पतालों, छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और दस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।

सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक कार्तिकेय गोयल ने बताया कि कॉर्पोरेशन द्वारा दवा कंपनियों को नए ऑनलाइन सिस्टम से भुगतान किया जा रहा है। इससे भुगतान त्वरित गति से हो रहा है। सीजीएमएससी द्वारा स्वास्थ्य विभाग के लिए निर्माणाधीन विभिन्न भवनों के काम गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए तेजी से पूर्ण किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़, चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. आर.के. सिंह, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के नियंत्रक के.डी. कुंजाम और संचालक महामारी डॉ. सुभाष मिश्रा भी बैठक में उपस्थित थे।

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