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कल है वरुथिनी एकादशी व्रत, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, पारण समय और महत्व Tomorrow is Varuthini Ekadashi fast, know the date, Puja Muhurta, Parana time and importance

कल है वरुथिनी एकादशी व्रत, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, पारण समय और महत्वकल है वरुथिनी एकादशी व्रत, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, पारण समय और महत्व

तृप्त शास्त्री

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी ति​थि को वरुथिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। जागरण अध्यात्म में जानते हैं कि वरुथिनी एकादशी व्रत की तिथि पारण का समय और इसका महत्व क्या है?

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी ति​थि को वरुथिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। इस वर्ष वरुथिनी एकादशी व्रत कल 07 मई दिन शुक्रवार को है। इस दिन भगवान ​श्री विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है, फलाहार करते हुए व्रत रखा जाता है और पूजा के समय वरुथिनी एकादशी व्रत की कथा का श्रवण किया जाता है। जागरण अध्यात्म में जानते हैं कि वरुथिनी एकादशी व्रत की तिथि, पारण का समय और इसका महत्व क्या है?

वरुथिनी एकादशी तिथि

हिन्दी पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी ति​थि का प्रारंभ 06 मई दिन गुरुवार को दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 07 मई को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर हो रहा है। देखा जाए तो उदयव्यापिनी तिथि 07 मई को प्राप्त हो रही है, ऐसे में वरुथिनी एकादशी का व्रत 07 मई दिन शुक्रवार को रखा जाएगा।

वरुथिनी एकादशी व्रत के पारण का समय

जो लोग वरुथिनी एकादशी व्रत रखेंगे, उनको व्रत का पारण 08 मई को प्रात: 05 बजकर 35 मिनट से सुबह 08 बजकर 16 मिनट के मध्य तक कर लेना चाहिए। एकादशी व्रत के पारण में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व पारण हो जाए। द्वादशी तिथि का समापन 08 मई को शाम 05 बजकर 20 मिनट पर हो रहा है।

वरुथिनी एकादशी व्रत का महत्व

वरुथिनी एकादशी व्रत भगवान विष्णु को अति प्रिय है। जो लोग नियम पूर्वक वरुथिनी एकादशी व्रत करते हैं, उनके समस्त पापों का नाश हो जाता है। भगवान विष्णु की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। मृत्यु के पश्चात उस व्यक्ति को भगवान श्री हरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।

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