सरसों से बनने वाले इस चीज पर रोक लगाए सरकार, नहीं तो बढ़ सकती है तेल की किल्लत Government should stop this thing made from mustard, otherwise oil shortage may increase

मंडियों में कम आवक और भारी मांग के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों के भाव में सुधार आया है. वहीं, सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की निर्यात के साथ स्थानीय मांग बढ़ने की वजह से सोयाबीन तेल तिलहनों तथा बिनौला मिल डिलीवरी (हरियाणा) तेल में भी सुधार रहा. तेल उद्योग के जानकारों के मुताबिक मंडियों में सरसों की आवक कम है और किसान मंडियों में अपनी ऊपज कम ला रहे हैं.
इस बीच कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच देश में सरसों तेल की मांग बढ़ी है. स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होने के साथ सबसे सस्ता होने के कारण इसमें मिलावट बंद है, जिसकी वजह से इसकी लगातार मांग बढ़ रही है. कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस बार 104.3 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान है. सरसों अभी रिकॉर्ड कीमत पर बिक रही है
कुछ दिन पहले के आंकड़े के मुताबिक, देश भर की विभिन्न मंडियों में 10-12 लाख सरसों की बोरियों की आवक हो रही थी, जो अब 6-7 लाख बोरी रह गई है. किसान सरसों की रोक रोक कर बिक्री करने का काम कर रहे हैं.
सरकार लगाए प्रतिबंध नहीं तो बढ़ेगी किल्लत
सूत्रों ने कहा कि सरसों की भारी मांग को देखते हुए सरकार को इसके रिफाइंड बनाने पर प्रतिबंध लगाना होगा नहीं तो आगे चलकर सरसों तेल की भारी किल्लत पैदा हो सकती है. सूत्रों ने कहा कि साल्वेंट इकाइयों का प्रमुख संगठन सोपा सोयाबीन दाना के दाम बढ़ने पर शोर कर रहा है. इसके लिए वायदा कारोबार को जिम्मेदार बता रहा है, पर जब तेल तिलहनों के वायदा भाव हाजिर भाव से भी नीचे जाते हैं तो वे खामोश रहते हैं.
पामोलीन तेल कीमतों में सुधार
उन्होंने सवाल किया, ‘जब वायदा कारोबार में सरसों या सोयाबीन की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 8-10 प्रतिशत कम दाम पर बेचा जाता है तब ऐसे संगठन शांत क्यों बैठते हैं. बाजार सूत्रों के अनुसार मौजूदा समय में सोयाबीन दाना का हाजिर भाव 7200 रुपये क्विन्टल है लेकिन इंदौर के वायदा कारोबार में अप्रैल अनुबंध का भाव 6920 रुपये क्विन्टल बोला गया है.
सूत्रों के अनुसार मलेशिया एक्सचेंज और शिकागो एक्सचेंज में दो-दो प्रतिशत की तेजी थी. मेलेशिया एक्सचेंज की तेजी की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में 50 – 50 रुपये प्रति क्विन्टल का सुधार आया.
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