आज हमें एचआर के अन्तर्राष्ट्रीय रूझानों पर नजऱ रखने की जरूरत है-श्री त्रिपाठी

टाटा स्टील के वाईस प्रेसीडेंट एस डी त्रिपाठी पहुंचे भिलाई इस्पात संयंत्र

सुरक्षा कवच के अवधारणा का किये भूरि-भूरि प्रशंसा
भिलाई। टाटा स्टील के वाइस पे्रसीडेंट एचआरएम एस डी त्रिपाठी भिलाई प्रवास पर आये। इस दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र के उच्च एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। तत्पश्चात् एस डी त्रिपाठी ने भिलाई क्लब में आयोजित एनआईपीएम सत्र में शिरकत की और उन्होंने इस सत्र में उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित किया।
श्री त्रिपाठी ने बीएसपी द्वारा सुरक्षा को बढ़ावा देने हेतु मेनगेट के समीप स्थापित सेफ्टी एक्सीलेंस सेंटर सुरक्षा कवच पहुँचकर अवलोकन किये और सुरक्षा कवच के अवधारणा की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए गहन अवलोकन किया और इसे इस्पात उद्योग के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण टूल्स निरूपित किया।
ब्लास्ट फार्नेस आठ का भी किया अवलोकन
एस डी त्रिपाठी ने महामाया ब्लास्ट फर्नेस-8 एवं यूनिवर्सल रेल मिल का भ्रमण किया। उन्होंने बीएसपी की इन महत्वपूर्ण उत्पादक इकाइयों के तकनीकी क्रियाकलापों का गम्भीरतापूर्वक अवलोकन किया।
संयंत्र भ्रमण के पश्चात् श्री त्रिपाठी भिलाई निवास पहुँचे, जहाँ बहुद्देशीय सभागार में आयोजित नवोदय श्रृंखला के छठवें सत्र में बड़ी संख्या में उपस्थित संयंत्र के अधिकारियों व कार्मिकों को सम्बोधित किया। इस श्रृंखला के लिए निर्धारित विषय आज मानव संसाधन, मूल्य संवर्धन का केन्द्र है पर संबोधित करते हुए त्रिपाठी ने अपने सारगर्भित सम्बोधन में कहा कि वैल्यू क्रिएशन के लिए मानव संसाधन आज केन्द्र में आ चुका है। किसी भी संगठन के लिए एक उद्देश्य कितना महत्वपूर्ण होता है और कैसे एक सहयोगी संस्कृति टीम के भीतर एक ऊर्जा उत्पन्न करती है जिससे संगठन के उस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने एचआर बिरादरी से अपील करते हुए कहा कि आज हमें एचआर के अन्तर्राष्ट्रीय रूझानों पर नजऱ रखने की जरूरत है, जिससे बदलते व्यावसायिक परिदृश्य में परिवर्तन को शीघ्र आत्मसात किया जा सके। उन्होंने विशेषतौर पर क्राउड सोर्सिंग और इसके इस्पात उद्योग में उपयोग करने पर बल दिया। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के सुदृढ़ प्रणालियों को पब्लिक सेक्टर का बैकबोन बताते हुए कहा कि इन प्रणालियों का उपयोग सहयोग के लिए किया जाना चाहिए न कि इनका उपयोग हुक्म चलाने के लिए। उन्होंने कहा कि हालांकि निजी क्षेत्रों में भी सिस्टम होते हैं लेकिन वे लचीले होते हैं और आवश्यकतानुसार ढाले जा सकते हैं।
श्री त्रिपाठी ने महसूस किया कि जो कुछ भी बनाया गया है वह हमारे द्वारा बनाया गया है और हमें कुछ नया करने से कोई नहीं रोकता। इसलिए सभी एचआर पे्रक्टिसनर्स को ऐसी संस्कृति बनाने का प्रयास करना चाहिए जो संगठन को अपने लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करे। हमें एक बदलाव लाने वाला विश्लेषक व सहयोगकर्ता व विकासकर्ता के रूप में संगठन में परिवर्तन लाने का प्रयास करना चाहिए जिससे संगठन जीवंत रहे और विकास करे।
इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के सीईओ ए के रथ ने अपने स्वागत उद्बोधन देते हुए भिलाई बिरादरी को श्री त्रिपाठी जी के अनुभव से लाभ उठाने का आव्हान किया। इस दौरान सीईओ ए के रथ ने श्री त्रिपाठी को सम्मानित किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।
इस अवसर पर संयंत्र के कार्यपालक निदेशक संकार्य पी के दाश, निदेशक प्रभारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ एस के इस्सर, कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन के के सिंह एवं महाप्रबंधक प्रभारी परियोजनाएँ ए के भट्टा, सेफी चेयरमैन व ओए के अध्यक्ष एन के बंछोर एवं संयंत्र के अन्य अधिकारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का आयोजन संयंत्र के व्यावसायिक उत्कृष्टता विभाग द्वारा किया गया।