एक्सपर्ट बोले- इतना आसान नहीं है कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाना, दवा पर है काम जारी – Coronavirus Vaccine Expert said It is not so easy to make work on medicine is going on nodrss | health – News in Hindi


एक्सपर्ट्स की मानें तो कोरोना वैक्सीन की खोज में अभी कुछ और वक्त लग सकता है.
देश की शीर्ष वैज्ञानिक अनुसंधान संस्था काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) की 35 से ज्यादा लैब के वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) बनाने में जुटे हुए हैं. साथ ही इस समय देश की कम से कम 6 फार्मास्यूटिकल कंपनियां भी कोरोना वायरस (Coronavirus) के लिए वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रही हैं.
35 से ज्यादा लैब में वैक्सीन को लेकर चल रहा है शोध
देश की शीर्ष वैज्ञानिक अनुसंधान संस्था काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) की 35 से ज्यादा लैब में भी वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही इस समय देश की कम से कम 6 प्राइवेट कंपनियां भी कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रही हैं.

CSIR की 35 से ज्यादा लैब में भी वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं.
सीएसआईआर के महानिदेशक क्या कहते हैं
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मांडे कहते हैं कि यह एक गलतफहमी है कि वैक्सीन ही कोरोना का एकमात्र इलाज है. जबकि, यह दवा या फिर वैक्सीन दोनों में से कुछ भी हो सकता है. इस समय सीएसआईआर के निर्देश पर दो दर्जन से ज्यादा दवाओं को कोरोना के इलाज में उपयोग में लाया जा रहा है. एम्स दिल्ली, एम्स भोपाल और पीजीआई चंडीगढ़ में यह ट्रायल शुरू हो चुका है.
लैब के एक्सपर्ट क्या कहते हैं
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब तक कोरोना महामारी जड़ से खत्म नहीं हो जाती तब तक कोरोना से बचने के लिए कई तरह के उपायों को अपनाना पड़ेगा. पटना के डॉ. प्रभात रंजन डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर के हेड डॉ. प्रभात कुमार कहते हैं, ‘वैक्सीन डेवलप करने का जो प्रोसेस होता है वह मीनिमम डेढ़ साल का होता है. वह भी तब होता है जब कहीं से कोई फेल्योर की शिकायत नहीं आती.
डॉ. प्रभात कहते हैं, ‘वैक्सीन की बात अभी करना ठीक नहीं है. अगर थैरेपी की बात करें तो उस पर काम चल रहा है. अभी इस प्रोसेस में कई सारे ड्रग्स इस्तेमाल हो रहे हैं. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन भी कुछ मरीजों में काम किया है. दुनिया में कहीं भी कोरोना की वैक्सीन अभी तक किसी मानव पर नहीं आजमाई गई है. अभी कुछ दिन पहले खबर आई थी कि इजराइल ने वैक्सीन तैयार कर लिया है, जबकि ऐसा नहीं है.’

यह वैक्सीन संक्रमित और गैरसंक्रमितों पर आजमाई जाती है.
इस्तेमाल के लिए कब तैयार होती है वैक्सीन
डॉ. प्रभात कुमार कहते हैं कि वैक्सीन बनाने के बाद देखा जाता है कि वो काम कर रही है कि नहीं. पहले वो जानवरों पर इस्तेमाल की जाती है. एनिमल में प्रयोग अगर सफल रहता है तो फिर मानव के शरीर में उसका प्रयोग किया जाता है. यह वैक्सीन संक्रमित और गैरसंक्रमितों पर आजमाई जाती है. तीन बार आजमाने के बाद जब यह प्रयोग सफल रहता है तो फिर इसको प्रयोग में लाया जाता है. अगर किसी स्टेप में प्रयोग फेल होता है तो फिर वापस एक स्टेप पीछे काम शुरू करना पड़ता है.’
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First published: May 18, 2020, 8:24 PM IST