छत्तीसगढ़

पुरातात्विक आदिम जनजातीय संस्कृति साहित्यिक एवं पर्यटन संरक्षण के लिए बैठक संपन्न

पुरातात्विक आदिम जनजातीय संस्कृति साहित्यिक एवं
पर्यटन संरक्षण के लिए बैठक संपन्न

कांकेर बस्तर संभाग अंतर्गत पुरातात्विक आदिम जनजाति संस्कृति साहित्यिक एवं पर्यटन संरक्षण एवं अभिलेखीकरण के संबंध में बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल एवं बस्तर संभाग के कमिश्नर के मार्गदर्शन में गत दिवस जिला पंचायत के सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। संभागीय अधिकारियों के द्वारा जिला स्तरीय आदिमजाति संस्कृति एवं सभ्यता के विलुप्तिकरण के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई तथा अभिलेखीकरण करने के लिए विशेष जोर दिया गया। समाज प्रमुखों द्वारा आदिम जनजाति के संस्कृति रीति रिवाज वेशभूषा, बोली, क्षेत्रीय इतिहास, राजनैतिक व्यवस्था, शिल्पकला, सांस्कृतिक परंपरा का अभिलेखीकरण चित्र के साथ में बनाये जाने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। सभी विकासखण्डों के समाज प्रमुखों, बुद्धिजीवियों, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं खण्ड शिक्षा अधिकारियों से अभिलेखीकरण के संबंध में चर्चा किया गया। अभिलेखीकरण का प्रमाणीकरण एवं सुधार हेतु जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर चार-चार समितियां बनाकर क्रियान्वयन करने के लिए निर्देशित किये गये। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर भुवन सिदार, अखिलेश मिश्रा, क्षेत्र संयोजग यूएस पामभोई, समाज प्रमुख नारायणसिंह गोरा, एसआर मरकाम, शेरसिंह आंचला, श्रवण दर्रो, जीवन ठाकुर, लक्ष्मीकांत गावड़े, श्रीराम बघेल, ढ़ालसिंह पातर, शिवप्रसाद बघेल, रोहिदास शोरी, कमलेश कोमरा, कन्हैया नेताम, नरेश कुमार बघेल, कृष्णाराणा, चन्द्रकुमार ध्रुव, कृपाराम बघेल सहित सभी विकासखण्डों के समाज प्रमुख, समस्त जनपद सीईओ उपस्थित थे।

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