शराब दुकानों के आसपास सफेद कचरों का लगा ढेर: Heap of white waste around liquor shops
प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा इस्तेमाल
भिलाई। शासन स्तर पर दो साल पहले प्लास्टिक की सिंगल यूज डिस्पोजल गिलास के उपयोग को प्रतिबंधित घोषित किया गया है। बावजूद इसके इस प्रतिबंध की जमीनी हकीकत काफी जुदा है। प्रतिबंध के शुरुवाती दिनों में निगम व पालिका प्रशासन की छापामार कार्यवाही को देखते हुए प्लास्टिक डिस्पोजल गिलास का उपयोग कम हो गया था। इसके जगह पर कागज के डिस्पोजल गिलास उपपयोग होने लगे थे। लेकिन वर्तमान में फिर एक बार बाजार में प्रतिबंधित प्लास्टिक डिस्पोजल गिलास ने पांव पसार लिया है क्योंकि सिंगल यूज प्लास्टिक डिस्पोजल गिलास आज भी मदिरा प्रेमियों की पहली पसंद बनी हुई है। पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से लगाये गए प्रतिबंध के बावजूद प्लास्टिक डिस्पोजल गिलास का धडल्ले से ईस्तमाल हो रहा है। भिलाई-दुर्ग के शराब की दुकानों के आसपास बेतरतीब बिखरे सफेद कचरे से इस बात की स्वत: ही पोल खुल रही है।
शहर के ज्यादातर डेली नीड्स की दुकान और ठेला खोमचा में प्लास्टिक की डिस्पोजल गिलास आसानी के साथ ग्राहकों को बेची जा रही है। प्रतिबंध के बावजूद प्लास्टिक डिस्पोजल की बाजारों में बनी हुई आवक एक तरह से शासन-प्रशासन को चुनौती दे रही है। प्लास्टिक के डिस्पोजल गिलास का सबसे अधिक इस्तेमाल मदिरा प्रेमी अपने शौक पूरा करने में करते हैं। लिहाजा शराब दुकानों के पास खुले चखना सेंटर से लेकर सीलबंद नमकीन बेचने वाले दुकानों में ऐसे गिलास का भरपूर स्टाक कभी भी देखा जा सकता है। शराब पीने के बाद ऐसे गिलास को खुले में फेंक दिया जाता है। इससे पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों पर पलीता लग रहा है। वहीं शहर की स्वच्छता पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
शहर के अनेक शराब की दुकानों के आसपास का मुआयना किया तो प्राय: सफेद कचरे का ढेर नजर आया। भिलाई-3 के उमदा रोड स्थित शराब की दुकान के पास गौरव पथ पर चल रहे अवैध चखना सेंटरों के पीछे छोटा सा तालाब है। इस तालाब के चारो ओर डिस्पोजल गिलास फैली हई है। नगर निगम ने स्वच्छता अभियान में खलल पैदा होने का हवाला देकर आबकारी विभाग को पत्र लिखकर शराब दुकान के आसपास प्लास्टिक डिस्पोजल गिलास के हो रहे उपयोग पर रोक लगाने का आग्रह कर चुकी है। बावजूद इसके आबकारी विभाग की उदासीनता बरकरार है। भिलाई में नेहरू नगर बटालियन के पास स्थित शराब दुकान के आसपास खुली जगह में भी डिस्पोजल गिलास के कचरे की सफेद परत इसके उपयोग पर लगाये गये प्रतिबंध की पोल खोल रही है। इस तरह का नजारा शहर के प्राय: सभी शराब दुकानों के साथ ही चखना सेंटरों के आसपास साफ नजर आने के बाद भी जिम्मेदारों में कार्यवाही को लेकर कायम उदासीनता समझ से परे है।
बेखौफ बिक रहा है पानी पाउच
पानी के पाउच पर भी सरकारी स्तर में प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन बाजार में इसकी सहज उपलब्धता बनी हुई है। मदिरा प्रेमी पानी पाउच का इस्तेमाल पहले की तरह कर रहे हैं। शराब दुकानों के परिसर से लेकर आसपास के दायरे में पानी पाउच के खाली रैपर में पानी पाउच के खाली रैपर की गंदगी आज भी बिखरी पड़ी है। खेल के मैदान पर भी पानी पाउच से लेकर डिस्पोजल प्लास्टिक गिलास साफ नजर आ रहे हैं। शहरी क्षेत्र की निकासी नालियां भी डिस्पोजल प्लास्टिक गिलास व पानी पाउच की वजह से जाम हो रही है।