छत्तीसगढ़

प्रशासन व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पर सवेदनहीनता का लगाया आरोप

आर्थिक तंगी से परेशान दम्पत्ति ने की खुदकुशी, पीड़ित परिवार को किसान नेता ने पहुचाई आर्थिक मदद

प्रशासन व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पर सवेदनहीनता का लगाया आरोप

पीड़ित परिवार के बच्चो की पढ़ाई की उठाई जिम्मेदारी

बेमेतरा, गरीबों को सीधी मदद के राज्य सरकार के दावे खोखले नजर आ रहे है । प्रशसानिक संवेदनहीनता का खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है । सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने पर बेरला ब्लाक के ग्राम अकोला निवासी दम्पती ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली, उक्त बातें किसान नेता योगेश तिवारी ने पीड़ित परिवार से मिलने के दौरान कही। किसान नेता ने बताया की यह मामला प्रशासन की संवेदनहीनता का प्रत्यक्ष उदाहरण है। प्रशासन से मदद नहीं मिलने पर पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद के लिए गांव पहुचा हूं । बेरला पुलिस के अनुसार 22 जनवरी सुबह करीब 11 बजे ग्राम अकोली निवासी दम्पती देवधर व उसकी पत्नी केवरी निषाद ने पारिवारिक विवाद के कारण जहर खा लिया। ईलाज के लिए अस्पताल ले जाने पर डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ।  परिवार से मिली जानकारी के अनुसार किसान नेता योगेश तिवारी ने बताया कि मृतक आर्थिक तंगी से गुजर रहा था । मृतक दम्पत्ति के दो बच्चें है । आधार कार्ड में त्रुटि के कारण सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा था । नतीजतन तंगी से गुजर रहे परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पडा रहा था। अकोली में शोक संतप्त परिवार से मिल कर किसान नेता ने ढांढस बंधाया और उन्होने परिवार को आर्थिक मदद करने के साथ दोनों बच्चों की पढाई का बीड़ा उठाया ।प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता पर नराजगी जाहिर करते हुए कहा की घटना के बाद से अब तक कोई भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुचा है । यहां प्रशासन की संवेदनहीनता साफ दिखाई दे रही है । वहीं क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि फोटो खिचाकर वाहवाही में लुटने में लगे रहते है लेकिन गरीब परिवार के मदद के नाम पर वो सक्रियता नजर नहीं आती है ।  इसलिए जनसरोकार को प्राथमिकता देते हुए आर्थिक मदद करने के साथ बच्चों की आगे की पढाइ में मदद की जिम्मेदारी उठाई है । इस दौरान पूर्व सरपंच राजू परगनिहा, लखन चक्रधारी, हरीष निशाद, कुलेसश्वर कुर्रे, दिनेश सारंग आदि उपस्थित थे

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