संस्कृति को संजोयेगा संस्कृत शाला अखण्ड ब्राम्हण समाज दुर्ग
संस्कृति को संजोयेगा संस्कृत शाला अखण्ड ब्राम्हण समाज दुर्ग
सबका सँदेश कान्हा तिवारी-
दुर्ग /अखण्ड ब्राम्हण समाज के द्वरा दुर्ग के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिर में संस्कृत शाला संचालित करने जा रहा है जिसका उद्देश्य ब्रम्हणोचित धरोहर को बचाये रखना , संस्कृत व संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ साथ रोजगार भी देना है ।दुर्ग जिला के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी मीडिया से बात करते हुए बताया कि संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश तिवारी के मार्गदर्शन में व प्रदेश संयोजक संजय शुक्ला नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिलो में संस्कृत शाला संचालित करने की योजना बनी है जिसमे दुर्ग में बहुत ही जल्द संस्कृत शाला खुलने जा रहा है जिसके लिए पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है । और बहुत से लोगो का पंजीयन भी हो गया है फरवरी माह से शाला प्रारंभ कर दिया जायेगा जिसकी तैयारी संगठन द्वरा जोर शोर से किया जा रहा है । वही विप्र प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष प.रूपेश शर्मा बताया कि संस्कृत शाला को लेके समाज मे काफी उत्सुकता है लोग अभी से पंजीयन करना प्रारंभ कर दिए है शर्मा बताते है कि आज के आधुनिक युग मे लोग अपना संस्कार भूलते जा रहा है और कहीं न कही इसका असर ब्राम्हण समाज के बच्चों के ऊपर भी पड़ रहा है । इसलिए अपनी संस्कृति को बचाने उनमें संस्कार डालने के उद्देश्य से समाज के बच्चों को दैनिक संध्या , पंचाग देखना , समस्त प्रकार के पूजा पाठ वास्तु शास्त्र , ज्योतिष शास्त्र व भागवत प्रवचन , यज्ञ आदि की शिक्षा दीक्षा संगठन की तरफ से निःशुल्क प्रदान किया जाएगा व साथ ही विद्या ग्रहण के दौरान लगने वाले सभी वैदिक ग्रंथ , कॉपी पेन भी निःशुल्क दिया जाएगा प्रत्येक शनिवार व रविवार को शाम 4 बजे से 6 बजे तक यह शाला आयोजित होगी जिसमे आचार्य के रूप में भागवताचार्य प. मनोज पांडेय जी , प.लखेश्वर पांडेय जी व रूपेश शर्मा जी के नेतृत्व में यह शाला में शिक्षा दीक्षा दिया जाएगा । उद्घाटन सत्र में प्रशिक्षार्थी के साथ साथ उनके माता पिता का भी आना अनिवार्य किया गया है ।
वही विप्र प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव प. लखेश्वर पांडेय ने कहा कि आज कल के बेरोजगारी में ब्राम्हण अपना ब्रम्हणोचित कार्य कर के अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकता है । ब्राम्हण होने की वजह से कभी कोई ब्राम्हण बेरोजगार नही हो सकता क्यों कि हमारा धर्म कर्म ही हमे रोजगार दिलाता है । संस्कृत शाला न हमे रोजगार देगा बल्कि रोजगार के साथ साथ हमे हमारा संस्कार देगा हमारी संस्कृति एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में सुरक्षित जाएगी इस उम्मीद के साथ कि भविष्य में आप सब मिल इसे आगे बढ़ाए । संस्कृत शाला में संस्कार , रोजगार , शिक्षा , संस्कृति व धर्म कर्म को संजोना , सीखना व प्रचारित करना है तभी समाज मजबूत होगी आने वाली पीढ़ी मजबूत होगी । नारी शक्ति प्रदेश संगठन सचिव श्री मति भारती तिवारी ने इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु संस्कृत शाला में समाज के ज्यादा से ज्यादा लोगो को जुड़ने की अपील की है उक्त जानकारी प्रदेश मीडिया प्रभारी कान्हा तिवारी ने दी