संस्थापक ब्रह्मा बाबा के 52वीं स्मृति दिवस मनाया, Celebrated 52nd Memorial Day of founder Brahma Baba
भिलाई / वर्तमान समय, संकल्प, कर्म और वाणी योगयुक्त और युक्तियुक्त चाहिए। जीवन में अटेंशन नहीं है तो टेंशन बढ़ता जाएगा जरा भी अटेंशन कम हुआ तो टेंशन के वातावरण का प्रभाव हमारे ऊपर पड़ेगा। हमें योग युक्त जीवन बनानी हैं। चारों ओर के टेंशन के वायुमंडल में हमें राजयोग द्वारा सुरक्षित रहना है। उक्त उद्गार भिलाई सेवा केंद्रों की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने संस्था के साकार संस्थापक ब्रह्मा बाबा के 52वी स्मृति दिवस के अवसर पर सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में कही। आगे आप ने कहा कि हमें नकारात्मकता और तनाव के वातावरण में खुशी और उमंग उत्साह की लहर फैलानी है। अपने समर्थ स्वरूप द्वारा सर्व कमजोरियों को समाप्त करना है। हमें भी ब्रह्मा बाबा समान अव्यक्त रह व्यक्त कर्म इंद्रियों का राजा बनकर कर्म करना है यही राजयोग है। ब्रह्मा बाबा जैसे संपन्न और संपूर्ण बनना है। ब्रह्मा बाबा के अंतिम महावाक्य निराकरीए निरविकरी और निरंहकारी आध्यात्मिक जीवन की उन्नति के लिए परम आवश्यक है। हमें छोटी-छोटी कमजोरियों द्वारा हार नहीं खानी है। आत्म निश्चय के अभ्यास से देह का अहंकार टूट जाए ऐसा अभ्यास करना है। दृढ़ता से इन बातों का ध्यान रखेंगे तो विजय निश्चित होगी। ब्रह्मा बाबा की 52 वी स्मृति दिवस को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर पीस ऑडिटोरियम को एक बल एक भरोसा क्षमाशील, रहम दिल, निमित्त और निर्माण, साक्षी, विधाता और वरदाता, जीवन में न्यारापन और प्यारा पन आदि स्लोगन से सजाया गया। जिसे ब्रह्मा वत्सो ने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प किया।