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नगर निगम के रिक्त 1248 भूखण्डों के बिक्री के विरुद्ध उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर भोजराज, Bhojraj filed a PIL in the High Court against the sale of 1248 vacant municipal plots

भिलाई / नगर निगम की आर्थिक स्थिति विगत 02 वर्षों में पूरी तरह से चरमरा गई है। आज नगर निगम अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके वेतन से काटे गये भविष्य निधि की राशि उनके खाते में जमा नहीं कर पा रहा है और साथ ही 02 वर्षों से निगम पर करोड़ों रुपये बिजली बिल बकाया है। ठेकेदार अपने करोड़ों रुपये के पुराने भुगतान के लिये सड़क पर 03 माह से आंदोलनरत हैं। मूलभूत सुविधा के अन्तर्गत दैनन्दनी कार्य भी प्रभावित हो गये हैं। निगम की ऐसी दयनीय स्थिति साडा से लेकर 2018 तक कभी नहीं थी। नगर निगम की स्वयं की भूमि में से 1248 रिक्त भूखण्ड जिस पर सन् 1978 से भिलाई नगर निगम का कब्जा चला आ रहा है। महापौर ने निगम की सामान्य सभा की अनुमति/ सूचना के बिना ही, आयुक्त से राज्य शासन को पत्र लिखवाकर उक्त रिक्त भूखण्डों को विक्रय करने की अनुमति शासन से ले ली। जिसका बाजार मूल्य आज लगभग 300 करोड़ रुपये है।  राज्य शासन द्वारा नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों को ताक पर रखते हुए पूर्णत: अवैधानिक रुप से आयुक्त को निर्देषित किया गया कि उक्त रिक्त भूखण्डों के आन्तरण से प्राप्त राजस्व अनुपातिक रुप से राजस्व मद एवं नगर पालिक निगम मद में जमा कराई जाए। इससे नगर निगम की सामान्य सभा के अधिकार का हनन करते हुए उक्त रिक्त भूखण्डों के आन्तरण हेतु कलेक्टर जिला दुर्ग को अधिकृत किया गया ंसाथ ही कलेक्टर को ही नगर पालिक निगम भिलाई रिक्त भूखण्डों के आबंटन की कार्यवाही हेतु क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया। अर्जित आय का अनुपातिक हिस्सा जायेगा शासन को नगर निगम भिलाई के महापौर जिनका कार्यकाल मात्र 09 दिन शेष है तथा वे विधायक भी हैं, ने जाते-जाते निगम के रिक्त भूखण्डों को बेचने की नियम विरुद्ध स्वीकृति दे दी। भूखण्डों के विक्रय से प्राप्त लगभग 300 करोड़ की राशि का बड़ा हिस्सा शासन को चला जायेगा तथा निगम की स्थिति अपनी भूमि को बेचने के बाद भी दयनीय रहेगी।   रिक्त भूखण्डों के विक्रय से प्राप्त आय पर निगम का हक, उससे नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्य हों। उक्त रिक्त भूखण्ड निगम की सम्पत्ति है, भूमि आबंटन के आन्तरण की पूरी राषि पर निगम का अधिकार है। निगम उसी राषि से निगम में रहने वाले आम नागरिकों, करदाताओं के लिये निगम क्षेत्र में विकास कार्य करता। इसलिये शासन द्वारा नगर निगम की आय को अवैधानिक रुप से बिना किसी की अनुमति एवं सूचना के हड़पने का प्रयास किया जा रहा है, और महापौर ने इस सम्बन्ध में चुप्पी साध ली है, जो कि निगम के क्षेत्र में रहने वाले रहवासियों के जनहित के विरुद्ध है, इसलिये मैंने माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में भिलाई की जनता के लिये जनहित याचिका दायर की है ।

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