छेर-छेरा छत्तीसगढ़ का अन्नदान त्यौहार हैं। क्षेत्रवासियों को छेर-छेरा त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएँ। लोकप्रिय-भाजपा नेता अमर अग्रवाल।

छेर-छेरा छत्तीसगढ़ का अन्नदान त्यौहार हैं। क्षेत्रवासियों को छेर-छेरा त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएँ। लोकप्रिय-भाजपा नेता अमर अग्रवाल।
भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ कृषकों का स्वर्ग है, किन्तु उसे अनुकूल वर्षा, बीज, उर्वरक मिले तब, अन्यथा उसे नरक बन जाने में देर नहीं लगती।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार छत्तीसगढ़ में लगभग बारह हजार प्रकार के धान की खेती हो चुकी है।
धान की विविधता, विशेषता, गुणवत्ता, सुगंध और सुंदरता की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के धान चावल की बराबरी कोई नहीं कर सकता।
‘‘छेर….छेरा…..माई कोठी के धान हेरते हेरा’’
छेर-छेरा पूरे छत्तीसगढ़ के गाॅव-गाॅव में गली-गली में डगर-डगर में, पारा-बस्ती में बच्चे बूढ़े सब याचना पात्र लिए टोकरी, चुरकी, सुपेली, झोली, थैली हाथ में लेकर अन्नदान की गुहार लगाते हैं, पुकारते हैं। अन्नदान संसार का सबसे बड़ा दान है। मधुकरी पका हुआ अन्नदान सर्वथा पुन्य कार्य है। भूखे को भाषण की नहीं भोजन की जरूरत होती है।