छत्तीसगढ़

सिर्फ मजदूरो के लिए तालाबंदी, कारखाना के अंदर स्टाफ कर रहा है ड्यूटी

*सिर्फ मजदूरो के लिए तालाबंदी, कारखाना के अंदर स्टाफ कर रहा है ड्यूटी*

अजय शर्मा ब्यूरो सबका संदेश

*एचएमएस यूनियन ने कहा प्रशासन तालाबंदी के पहलुओं की सूक्ष्म जांच करे।*

अकलतरा। कारखाना के मुख्य द्वार में 10 जनवरी को अनिश्चितकाल के तालाबंदी की नोटिस चस्पा किया गया है किंतु मजदूरो ने आरोप लगाया है कि कारखाना परिसर में पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक बॉयलर का शट डाउन कार्य बाहरी ठेकेदारों से कराया जा रहा है तथा अपने इंजीनियर स्टाफ आदि को भी ड्यूटी कराया जा रहा है ऐसे में सिर्फ मजदूरो के लिए तालाबंदी करना सजिशपूर्वक तालाबंदी के शक को बल देता है, पिछले तालाबंदी में मजदूरो को वेतन नही दिया गया था जबकि स्टाफ को भुगतान किया गया था ऐसे में छोटे मोटे श्रमिको के साथ बड़ा धोखा है।
सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि कारखाना प्रबन्धन ने प्रशासन से खानापूर्ति के लिए ही मदद मांगा है कारखाना को प्रारम्भ करने की कोई दिलचस्पी नही है क्योकि कारखाना तो nclt में है जो भी नुकसान होगा सरकार और बैंकों का होगा मतलब सीधा जनता का ही होगा।
एच एम एस यूनियन के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद साहू ने कहा कि यह कारखाना प्रबन्धन की बदनीयती है मजदूरो को ब्लैकमेल करने की ताकि आने वाले समय मे कोई भी मजदूर और मजदूर संगठन आवाज ना उठा सके, छोटे मोटे आंदोलन तो सभी कारखानों में होते रहते है इसका मतलब तालाबंदी ही करना उचित नही है वैसे भी कारखाना में हमारा भी यूनियन है हमारे संगठन ने किसी भी प्रकार का आंदोलन नही किया था और ना ही हमसे कोई बात की गई हमारे संघ के द्वारा वैधानिक तरीके से जिला श्रम पदाधिकारी के समक्ष वेज रिवीजन के मुद्दे पर डिमांड पत्र दिया गया था जिस पर 8 जनवरी को मीटिंग में nclt के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल श्री सुमित बिनानी ने लिखित में समय की मांग किया था कि यह कारखाना की बिक्री की प्रक्रिया अंतिम चरण में है ऐसे में वर्तमान समय मे वित्तीय भार सम्भव नही है इसलिए आगामी 15-20 दिनों में स्टेकहोल्डरों की मीटिंग है जिसमे आपके मांगो को रखा जाएगा।

एच एम एस संघ ने मांग किया है कि – मजदूरो की मांगो को पूरा किये बिना कारखाना को अब प्रारम्भ भी नही होना चाहिए क्योंकि बार बार प्रबन्धन मजदूरो की मांगो पर विवाद का हवाला देकर तालाबंदी करेगा इसलिए प्रशासन यूनियन की मांगों पर हस्तक्षेप कर सहमति बनाये फिर चालू करे नही तो कारखाना को बंद रहने दिया जाए।
15 माह पहले सितम्बर 2919 में जब तालाबंदी हुआ था तो इसी प्रबन्धन ने जिला प्रशासन को नामजद श्रमिक नेताओ के बारे में शिकायत किया गया था पर इस बार कोई नाम सामने नही आ रहा है यह गंभीर सवाल पैदा कर रहा है प्रबन्धन ने किसी के खिलाफ़ कोई शिकायत एवं कार्यवाही अभी तक नही किया है।

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