स्वास्थ्य/ शिक्षा

पैरों में दर्द और सीने में महसूस होने लगे भारीपन, तो समझ लें बॉडी में ज्यादा हो रही ये एक चीज Pain in the legs and heaviness started to be felt in the chest, then understand that this one thing is happening more in the body.

अगर हडि्डयों को मजबूत बनाने के लिए आप ताबड्तोड़ कैल्शियम रिच फूड, गोलियां या सप्लीमेंट ले रहे तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। कैल्शियम की कमी की तरह ही कैल्शियम की अधिकता भी आपके लिए नुकसानदायक होती है और कई बार जानलेवा भी।

कैल्शियम शरीर में कम होता है तो उसके बहुत से लक्षण को आप पहचान जाते हैं, लेकिन कैल्शियम जब अधिक होता है तो उसके लक्षण पहचान पाना मुश्किल होता है। बता दें कि कैल्शियम की अधिकता न केवल जानलेवा होती है, बल्कि ये किडनी और हडि्डयों की समस्याएं भी पैदा करती है। 

कैल्शियम की कमी का जिस तरह से शरीर संकेत देता है, वैसा संकेत बहुत कम कैल्शियम की अधिकता पर मिलता है, लेकिन कुछ लक्षणों के आधार पर यह आसानी से समझा जा सकता है कि शरीर में कैल्शियम बढ़ रहा है। कैल्शियम अधिक होने से हार्ट से लेकर किडनी तक पर असर होता है और इन पर जब खतरा बढ़ता है तो जानलेवा साबित होता है। तो चलिए जानें कि कैल्शियम ज्यादा होने से किस तरह के नुकसान होते हैं।

कैल्शिमय की अधिकता की पहचान 

अगर बार-बार स्टोन बनने लगे तो समझ लें कैल्शियम शरीर में ज्यादा हो रहा है। हालांंकि कैल्शियम अधिक होने के संकेत कई बार ऐसे होते हैं, जो कई अन्य बीमारियों का भी लक्षण होते हैं। सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, सीने में भारीपन, पैरों में दर्द, स्टोन बनना, फैक्चर की अधिकता, हडि्डयों का कमजोर होना, जोड़ों में दर्द आदि।

ज्यादा कैल्शियम हाइपरकैल्शिमिया का कारण बन जाता है। इसके पीछे की वजह सिर्फ कैल्शियम कैप्सुल या फूड आइटम्स ही नहीं होते, बल्कि शरीर से जुड़ी अन्य चीजें जैसे थायरॉइड ग्लैंड के पीछे स्थित पैराथायरॉइड ग्लैंड का ज्यादा ऐक्टिव होना या जेनेटिक बीमारी, कैंसर, हाइड्रेशन की कमी भी जिम्मेदार हो सकती हैं।

कैल्शियम की अधिकता से इन बीमारियों का रहता है खतरा 

ऑस्टियोपोरोसिस – अगर आपको लगता है कि हडि्डयों को कमजोर कर देने वाला ऑस्टियोपोरोसिस सिर्फ कैल्शियम की कमी से ही होता है तो जान लें कि जब शरीर में कैल्शिमय अधिक होता है तब भी ये बीमारी होती है। असल में जब खून में ज्यादा कैल्शियम रिलीज होने लगता है तो हड्डियां धीरे-धीरे खोखली होने लगती हैं और व्यक्ति को छींकने – खांसने तक से भी फ्रैक्चर हो सकता है।

किडनी फंक्शन-ज्यादा कैल्शियम स्टोन में बदलने लगता है। गॉल ब्लैडरर और किडनी में स्टोन का होना कैल्शियम की अधिकता को ही बताता है। इतना ही नहीं कैल्शियम का अधिक होना किडनी के फंक्शन पर भी बुरा असर डालता है, जिससे बॉडी को फिल्टर करने में दिक्कत होती है और शरीर में कई बीमारियां जन्म लेने लगती हैं। इतना ही नहीं इससे किडनी फेलियर तक हो सकता है।

दिमाग पर असर-कैल्शियम की अधिक मात्रा से न सिर्फ हाइपरकैल्शिमिया होता है बल्कि यह दिमाग की सोचने समझने की क्षमता पर भी असर डालता है। इससे व्यक्ति को भ्रम और डिमेंशिया हो सकता है। इतना ही नहीं वह कोमा में भी जा सकता है।
दिल के लिए बुरा- कैल्शियम की ज्यादा मात्रा दिल की धमनियों पर भी असर डालती है। इससे न सिर्फ ब्लॉकेज का डर होता है बल्कि अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। 

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।

 

Related Articles

Back to top button