धमतरी में मिली कोंडागांव की 6 नाबालिग लड़कियाँ, शहरों में काम दिलाने दलाल सक्रिय

कोंडागांव/धमतरी। आदिवासी बहुल क्षेत्र क गरीब नाबालि लड़के लड़कियों को काम दिलाने का प्रलोभन देकर शहरी क्षेत्र के कुछ संस्थानों में कम वेतन पर मजदूर दिलाने के एवज में कमीशन दलाल सक्रिय है। ऐसे दलालों पर जिला बाल संरक्षण विभाग नजर रखे हुए है। आमदी के एक राइसमिल में दूसरे जिले से लाए छह नाबालिग लड़कियों को अपने कब्जे में लेकर दलाल के खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गए हैं।
नगर पंचायत आमदी में संचालित एक राइस मिल संचालक के पास एक वाहन चालक ने पांच जनवरी को कोंडागांव जिले के छह नाबालिग लड़कियों को कम वेतन पर काम दिलाने की बात कही। मिल संचालक नंदकिशोर राठी ने लड़कियों को गलत हाथों से बचाने के लिए काम मिल जाएगा, कहकर वहां ठहराया और इसकी जानकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दी।
सूचना पर जिला कार्यक्रम अधिकारी एमडी नायक ने तत्काल जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक को निर्देशित किया। बाल संरक्षण अधिकारी रेस्क्यू टीम में श्रम निरीक्षक फत्तेसिंह परते, यशवंत बैस संस्थागत संरक्षण अधिकारी, राजीव गोस्वामी गैर संस्थागत संरक्षण अधिकारी, प्रमोद अमृत विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी, चाइल्ड लाइन समन्वयक नीलम साहू और अर्जुनी थाना के पुलिस अधिकारी राईसमिल में जाकर बच्चियों से पूछताछ की। लड़कियों के पास उम्र से संबंधित दस्तावेज नहीं था।
पांच जनवरी को शाम हो जाने कारण छह जनवरी की सुबह सभी लड़कियों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां उनकी काउंसिलिंग कराकर उनके गृह ग्राम कोंडागांव भेजा गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने कहा कि बाल कल्याण समिति में हुए काउंसिलिंग के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बालिकाएं किसी पिंटू ड्राइवर का नाम ले रही हैं। उसी ने काम दिलाने के नाम पर धमतरी राइस मिल में लाया था। विभाग के अधिकारी जांच-पड़ताल के बाद आरोपित के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
नाबालिगों को लाने वाले दलाल सक्रिय
जिला बाल संरक्षण विभाग ने पिछले साल ग्राम अर्जुनी के पास कोंडागांव क्षेत्र से ला रहे चार नाबालिगों को उनके गृहग्राम भेजे थे। इन नाबालिगों को बोलेरो वाहन में बिठाकर एक चालक ला रहे थे, जिस पर कार्रवाई की गई। इसी तरह ग्राम अछोटा के एक संस्थान में पश्चिम बंगाल के दो नाबालिगों को फैक्टरी से छुड़ाकर उनके गृह ग्राम भेजा गया। इस तरह नाबालिगों को लाने वाले दलाल सक्रिय है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने बताया कि यदि कोई नाबालिगों को कारखाना या मशीनरी कार्य पर रखता है, तो उन्हें छह माह से तीन वर्ष तक कारावास और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान है। इस घटना के बाद अब जिले के अंतर्गत संचालित सभी राइस मिलों में बालश्रम गठित रेसक्यू टीम के द्वारा निरीक्षण किया जावेगा। नियोजन कार्य उम्र संबंधित दस्तावेजों की जांच करके ही काम पर रखे। नाबालिग होने की स्थिति में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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