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Lockdown: ऑनलाइन पढ़ाई का विरोध हुआ शुरू, छात्रों को लेकर मनोवैज्ञानिक भी जता रहे चिंता-Lockdown students against online education due to lack of infrastructure-internet and psychologists worried for depression-stress in children-covid 19 du school dlnh | delhi-ncr – News in Hindi

नई दिल्ली. कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन (Lockdown) में छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) की शुरुआत की गई. करीब दो महीने तक घरों से ही लैपटॉप या स्मार्टफोन (Smart Phone) के द्वारा ऑनलाइन माध्यमों से पढ़ाई कराए जाने के बाद अब इसका विरोध जोर पकड़ता जा रहा है. छोटी कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता भी इसके खिलाफ स्कूलों (School) में शिकायतें दे रहे हैं. इतना ही नहीं केंद्र सरकार सहित मनोवैज्ञानिक भी इस सिस्टम से होने वाले खतरों की ओर इशारा कर रहे हैं.

हाल ही में हरियाणा (Hryana) के एक विश्वविद्यालय के अलावा विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्रों और अभिभावकों ने ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही रुकावटों के साथ ही छोटे बच्चों पर बढ़ रहे मेंटल प्रेशर को लेकर शिकायतें दी हैं. इसके साथ ही बच्चों की आउटडोर एक्टिविटीज बंद होने और पढ़ाई के कारण दिनभर स्मार्टफोन से चिपके रहने से भी अभिभावक खासे परेशान हैं. वहीं मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इससे बच्चों में चिड़चिड़ापन, अवसाद, तनाव आदि बढ़ रहा है.

एक सरकारी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने दी ऑनलाइन पढ़ाई के खिलाफ शिकायत

हरियाणा की एक यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मिलकर ऑनलाइन पढ़ाई और ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित कराने को लेकर विरोध जताया है. छात्रों ने प्रशासन और कुलपति सहित कई उच्च अधिकारियों को ईमेल भी किया है, साथ ही सोशल मीडिया पर अपनी बात भी लिखी है. इन्होंने यूजीसी के ऑनलाइन ग्रीवेंस पोर्टल पर जाकर अपनी शिकायत भी दर्ज करवाई है और कहा है कि कई छात्रों के पास मजूबत इंटरनेट सुविधा नही है, ज्यादातर के पास इंटरनेट है भी तो कंप्यूटर या लैपटॉप नही है, और मोबाइल फ़ोन से सारे काम करने में सुविधा नही हो पाती.छात्रों ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से पढाई उतनी कारगर नही है जिससे कि आने वाली बड़ी परीक्षाओं की पूरी तैयारी हो पाये. खासकर इंजीनियरिंग कोर्स के लिए यह समय काफी कठिन है क्योंकि यूजीसी के नियमानुसार इंजीनियरिंग या मेडिकल जैसे कोर्स की पढ़ाई ऑनलाइन या ओपन या दूरस्थ माध्यम से करना अव्यवहारिक ही नही बल्कि गैर कानूनी भी है. इस तरह की पढ़ाई से जितना फायदा हो रहा है उतना ही नुकसान भी है.

अभिभावकों ने दी है स्कूल में शिकायत, तनाव में आकर बच्चे छोड़ रहे ऑनलाइन स्टडी ग्रुप्स

कई शहरों के स्कूलों में भी अभिभावक ऑनलाइन कक्षाएं दे रहे टीचर्स और स्कूल मैनेजमेंट को शिकायतें दे चुके हैं. अभिभावकों का कहना है कि बच्चे तनाव में आ रहे हैं, घर पर लड़ाई कर रहे हैं, पढ़ाई को छोडने तक कि बातें कर रहे हैं. साथ ही तनाव में आकर स्कूल की ओर से बनाये गए व्हाट्सएप ग्रुप्स को भी छोड़ रहे हैं. हाल ही में हरियाणा के कई नामी प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के ऐसा करने की शिकायतें मिली हैं.

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ेगा असर, अभिभावक दें खास ध्यान

दिल्ली विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर नन्दिता बाबू का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई किसी भी प्रकार से स्कूली पढ़ाई का पूरक नहीं हो सकती. ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर न होने से ऑनलाइन सिस्टम में बड़े बच्चों को ही परेशानी हो रही है वहीं छोटे बच्चों को तो और भी मुश्किलें हैं. ऐसे में बहुत सारे बच्चे जिनके पास स्मार्टफोन या लैपटॉप की सुविधा नहीं है और पढ़ाई से वंचित हैं, तनाव और चिंता से घिर रहे हैं.

अगर लॉकडाउन इसी तरह रहा तो जो बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं उनका भी घर में बंद रहने और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लम्बे समय तक जुड़े रहने से स्वभाव बदलेगा, तनाव और चिंता बढ़ेगी. साथ ही चिड़चिड़ापन बढ़ेगा. बच्चे डिप्रेशन में भी जा सकते हैं. ऐसे में पेरेंट्स को भी उनसे जुड़ना होगा, उनके साथ खेलना होगा, बातचीत करनी होगी, ताकि इस लॉकडाउन के फेज़ को पार किया जा सके. बच्चों की फिज़िकल हेल्थ के साथ ही उनकी मेंटल हेल्थ भी ठीक रहे, यह ध्यान रखना होगा.

केंद्र सरकार भी लाई मनोदर्पण स्कीम, बच्चों की होगी काउंसलिंग और मिलेगा मानसिक सपोर्ट

प्रोफेसर नन्दिता बाबू कहती हैं कि केंद्र सरकार भी इस मुश्किल को समझ रही है. हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर एक नई स्कीम लाने की बात कही है.

इसके साथ ही बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने के बाद होने वाली परेशानियों और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को देखते हुए मनोदर्पण स्कीम जल्द लागू करने के लिए कहा है. बता दें कि इस स्कीम के द्वारा छात्रों, शिक्षकों और परिजनों की मनोचिकित्सकों और काउंसलर के द्वारा काउंसलिंग की जाएगी और उनके के मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश की जाएगी.

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