छत्तीसगढ़

राम वन – गमन पर्यटन परिपथ शिवरीनारायण की पावन भूमि पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा

राम वन – गमन पर्यटन परिपथ
शिवरीनारायण की पावन भूमि पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा,

रोजगार के साधनों का विकास, सड़क परिवहन भी होगें विकसित ,

शिवरीनारायण 36 करोड़ रुपये के कार्य प्रस्तावित,

सबका सँदेश कान्हा तिवारी–

जांजगीर-चांपा, 29 दिसंबर छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्य योजना के तहत राम वनगमन पर्यटन परिपथ का विकास किया जा रहा है। जांजगीर-चाम्पा जिले के शिवरीनारायण में राम वन – गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत लगभग 36 करोड़ रुपये के कार्य प्रस्तावित किए गए है। जिसका कार्य प्रारंभ हो गया है। राम वन गमन पर्यटन परपिथ के अंतर्गत जांजगीर चांपा जिले में शिवरीनारायण, बलौदा बाजार में तुरतुरिया, रायपुर में चंदखुरी और गरियाबंद के राजिम में परिपथ के विकास कार्यों की शुरूआत हो चुकी है। इस योजना से लोगों की आस्था के अनुरूप राम की यादों को पौराणिक धार्मिक कथाओं से सुनते आ रहे लोग इन पौराणिक महत्व के स्थल को देख सकेगें। छत्तीसगढ़ की पावन भूमि पर्यटन तीर्थ स्थल के रूप में विकसित होने के साथ यहां रोजगार के साधनों का विकास होगा। अंदरूनी दुर्गम वन क्षेत्रों में सड़क परिवहन भी विकसित होगा जिससे कई आर्थिक गतिविधियों का स्वयं संचालित होने लगेंगी। देश और दुनिया के आस्थावान लोग रामायण सर्किट की धार्मिक तीर्थ यात्रा पर निकलेंगे तो भगवान राम के ननिहाल के दर्शन करेंगे।

राम वन गमन पथ में प्रमुख स्थल के रूप में विकसित होगा शिवरीनारायण-

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की पावन धरा पौराणिक काल से दुनियां को अपनी ओर आकर्षित करती रही है। मर्यादा पुरूषोत्तम राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ में है। राम छत्तीसगढ़ियों की जीवन-शैली और दिनचर्या का अंग हैं। पुरातन काल से छत्तीसगढ़ में राम लोगों के मानसपटल पर भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। वहीं पर भगवान राम ने 14 वर्ष वनवास के दौरान लम्बा समय छत्तीसगढ़ की धरा पर गुजारा था। वनवास के दौरान श्रीराम शिवरीनारायण सहित छत्तीसगढ़ के जिन स्थानों से गुजरे थे उसे राम वन गमन पथ के रूप में विकसित करने कार्य योजना बनाई गई।

शबरी के जूठे बेर खिलाने का प्रसंग उद्धरित होगा घाट एरिया में-
प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुसार राम वन – गमन पर्यटन परिपथ के महत्वपूर्ण पड़ाव और महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के संगम पर स्थित शिवरीनारायण में रामायण की थीम के अनुरूप विभिन्न विकास कार्य आकार ले रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से महानदी मोड़ पर 44 फीट ऊंचा विशाल प्रवेश द्वार और इसके समीप 32 फीट ऊंची भगवान श्रीराम सहित लक्ष्मण और माता शबरी की मूर्ति का निर्माण किया जायेगा। शिवरीनारायण में माता शबरी की भक्ति एवं वात्सल्य के प्रतीक जूठे बेर खिलाने के प्रसंग को उद्धरित करते हुए नदीतट घाट एरिया का सुंदरीकरण के अंतर्गत 14 व्यू पॉइंट का निर्माण, आरती पूजन जन सुविधा के रूप में, फूड प्लाजा, मेला ग्राउंड के पास कैफेटेरिया, पर्यटन सूचना केंद्र, पार्किंग एरिया का निर्माण, थ्री डी मॉडल, वाक थ्रू का निर्माण प्रस्तावित है।

शिवरीनारायण सहित 9 स्थलों का विकास प्रथम चरण में –

राम वनगमन पर्यटन परिपथ राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। पर्यटन परिपथ में कोरिया से लेकर सुकमा तक लगभग 1440 किलोमीटर के पथ में 75 स्थलों का चिन्हांकन किया गया है। इनमें से प्रथम चरण में 9 स्थलों के विकास का बीड़ा राज्य सरकार ने उठाया है। इनमें सीतामणी हरचैका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा, जगदलपुर और रामाराम ( सुकमा) शामिल हैं।

Related Articles

Back to top button