मुंगेली को जिला बने 8 साल बीत चुके है लेकिन विकास के नाम में मुंगेली दूसरे जिले की अपेक्षा कई कदम पीछे है
*मुंगेली को जिला बने 8 साल बीत चुके है लेकिन विकास के नाम में मुंगेली दूसरे जिले की अपेक्षा कई कदम पीछे है*
आज भी यहां की सड़कें चारो तरफ गड्ढों से भरी धूल मिट्टी का शहर प्रतीत होता है
*धूल धकड़ से सनी मुंगेली विकास का सपना देख रही कौन है सच्चा कौन है झूठा सब पे नजरें फेर रही*
B.J.P शासन के बाद कांग्रेस की सरकार बन गई कई नेता से लेकर
अधिकारी बदल गए लेकिन मुंगेली आज भी तेजी से आगे बढ़ने की बजाय कछुए की चाल में बढ़ रही हे
कहने को तो मुंगेली जिला है लेकिन जिला होने के बाद भी कई काम अधूरे है मुंगेली की उन्नति के लिए अनेको बार घोषणा की जा चुकी है मगर मुंगेली की उन्नति कागजों तक सीमित है यहां काम कम घूसखोरी ज्यादा है शर्म की बात यह इतने बड़े जिले में चौपाटी नहीं है जिसके कारण ठेले में व्यसाय करने वाले सड़क किनारे अपनी व्यवस्था देख ठेला लगाकर अपनी रोजी रोटी कमाने में लगे है।
मेन रोड होने कारण वाहनो का आवाजाही दिनभर लगी रहती है सड़को की उड़ने वाले धूल मिट्टी,गाड़ियों का धुंआ सब उड़ कर खाने पीने के सामानों जैसे गुपचुप चाट , चाइनीज पकोड़ा ,मंचूरियन अंडा ,आमलेट आदि सामानों में कई परत धूल जम जाती है जिसे अनदेखा कर लोग खाने में मस्त रहते है साथ ही दुकानदार भी इससे अनजान बन कर अपनी रोजी रोटी कमाने में मस्त रहते है ठेले वालों के साथ यहां कई होटल भी हे जो सामने खुले में रख समोसे, जलेबी, नाश्ता जैसे खाने के सामानों को बेचते देखा जा सकता है
अभी के समय करोना कॉल में डॉक्टरों द्वारा साफ-सुथरा रहने साफ सुथरा खाने की हिदायत दी जाती है उसके बाद भी लोगो में जागरूकता नहीं है दुकानदारों के साथ ही यहां के खाद्य विभाग को भी नींद से जागने और जागरूक होने की जरूरत है जो सभी खाद्य विक्रेताओं को सुरक्षित समान ढक कर सुरक्षित बेचने की हिदायत दे सके।
*सबका सन्देश न्यूज*
*मनीष नामदेव मुंगेली*
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