बेमेतरा :शराब दुकानों की आड़ में चल रहे अवैध चखना सेंटर
आबकारी विभाग किराये के भवनों में कर रही दुकानों का संचालन
भवन मालिकों को फायदा पहुंचाने चल रहा है खेल
नियम कानून को ताक में रख कर खुले आम पिलाई जा रही शराब
राजनीतिक संरक्षण के चलते नहीं हो रही कार्रवाई
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बेमेतरा:छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार आने के पूर्व एक ओर जहां राज्य में पूर्ण शराब बंदी की वकालत कर रही थी वहीं सत्ता हासिल होते ही स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के कार्यकर्ता शराब दुकानों के लिए किराये का भवन उपलब्ध कराके हर माह मोटी कमाई करने में लगे हैं
कोबिया में संचालित देशी व अंग्रेजी शराब दुकानों के लिए शहर के एक पूर्व पार्षद ने अपनी जमीन पर अस्थायी दुकान बनाकर आबकारी विभाग को किराया पर दिया हुआ है जिसके बदले में उन्हे हर माह किराये के रूप में शासकीय फंड से भुगतान हो रहा है. ऐसा करते दो वर्ष बीत गए. सत्तारूढ़ दल से मिले संरक्षण के चलते उनके हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि उन्होने उस परिसर में बकायदा अवैध चखना सेंटर खोलकर उसे किराया भी किराया में दे दिया है, जहां खुले आम शराब पिलाई जा रही है. शिकायत यह भी है कि उक्त चखना सेंटरों में बेचे जाने वाली सामग्री भी अनाप शनाप दर पर लेकर वहां पीने वालों की जेब ढीली की जा रही है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि कोबिया में देशी शराब दुकान का किराया 40 हजार रुपए प्रति माह व अंग्रेजी शराब का दुकान किराया 50 हजार रुपए प्रति माह है. यही दो चखना सेंटरों को पांच- पांच हजार रुपए प्रति माह किराये पर दिया गया है.
पूर्व में जब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी तो शराब दुकान कोबिया के दूसरे छोर पर ले जाया गया था वहां भी वहीं खेल हुआ था, तब भाजपा से जुड़े लोग फायदा उठाते रहे राज्य में जैसे ही सरकार बदली शराब दुकान को कोबिया में पीएचई आफिस के पीछे शिफ्ट कर दिया. जहां तक पहुंचने लिए मार्ग भी ठीक से नहीं है. बारिश के दिनों में कीचड़ व पानी भरा होता है तो अन्य दिनों में वहां उड़ने वाली धूल तथा उबड़ खाबड़ मार्ग से वाहन हिचकौले खाते हुए गुजरती है. सरकारी दुकान में नियम कानून की धज्जियां उड़ रही है. परिसर में ही चखना सेंटर खोलकर लोगों को शराब पीने प्रेरित किया जा रहा है. एक ओर तो दुकानों में प्रिंट रेट से ज्यादा दर पर बिना बिल के शराब बिक्री की जा रही है दूसरी ओर ग्राहकों को उसकी पसंदीदा ब्रांड की शराब उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. शराब दुकान में सुविधा के नाम पर रात के समय बिजली के अलावा और कुछ भी नहीं है. समूचे परिसर में गंदगी कचरा का ढेर पड़ा हुआ है, साफ सफाई का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है.
यहां एक मात्र निर्मित मूत्रालय में कोई भी जाना पसंद नहीं करता बल्कि परिसर के अन्य स्थानों पर पेशाब करते लोग दिखाई देते हैं. सुरक्षा के लिए लिहाज से लगे सीसीटीवी कैमरे मात्र शो पीस बने हुए हैं. कोबिया स्थित शराब दुकान में चखना सेंटर की आड़ में अघोषित बार संचालित हो रहा है. पीने वाले उक्त दुकान में पहुंचकर वहां से डिस्पोटल गिलास, पानी पाऊच, पानी बोतल व चखना खरीदकर वहों लगे टेबल कुर्सी तथा तखत में बैठकर आराम से पीते हैं.
जहां उसकी जरूरत की सारी सामग्री उपलब्ध हो जाती है, पान ठेलों में जहां बिडी, सिगरेट, तंबाकू व अन्य पाऊच आदि मिल जाती है वहीं नानवेज के शौकिनों के लिए अंडा, मछली, मुर्गा आदि आसानी से पकाकर सर्विस दी जा रही है. साथ ही तरह- तरह के चना, मटर, मूली, प्याज, मिर्ची,चिप्स, पापड़ आदि ऊंचे दर पर बेचे जा रहे हैं. कहने का तात्पर्य यह है कि राजस्व प्राप्ति के लिए आबकारी विभाग भी उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करने से हिचक रहा है.
जिले में संचालित हैं 16 शराब दुकानें
जिले में 11 देशी व 5 अंग्रेजी दुकानें सहित 16 शराब दुकानें संचालित हैं. जिसमें बेमेतरा के कोबिया, बेरला, नवागढ़, थानखम्हरिया व साजा की अंग्रेजी शराब दुकानों के अलावा कोबिया, पिकरी, दाढ़ी, नवागढ़, साजा, बेरला, थानखम्हरिया, देवकर, परपोड़ी, मारोव टेमरी में देशी शराब दुकानों का संचालन होता है. देशी शराब दुकानों में सादाव मसाला शराब बेची जाती है. जबकि अंग्रेजी शराब दुकानों में व्हिस्की, रम, जिन, बियर आदि की बिक्री होती है.
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वर्सन
आबकारी विभाग ने कोबिया की शराब दुकान को किराये पर लिया हुआ है, जहां तक चखना सेंटरों में शराब पिलाने का सवाल है हमारा काम राजस्व में वृद्धि करना है. सभी तरह के ब्रांड की मांग भेजी जाती है परंतु कई बार वहां से जो ब्रांड मिलती है उसे ही खपाया जाता है.
देव लाल बैद्य, जिला आबकारी अधिकारी, बेमेतरा
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