निजी जमीन पर लगे सैगोन के पेड़ का विवाद ‘अंधे कानून’ के चलते अटकी 21 वर्ष से -जानिए मामला कैसे अटका

अजय कुमार गुप्ता आ. स्व. गजानंद गुप्ता
उम्र 59 वर्ष पेशा कृषि एवं व्यवसाय निवासी-
वार्ड नं. 13 गुप्ता पारा कवर्धा, थाना व तह.-
कवर्धा, जिला कबीरधाम छ.ग.ने.विज्ञप्ति जारी कर सबका संदेश को बताया कि
07.12.़2020 से लेकर 10.12.2020 तक अशुद्ध तरीके से, अवैधानिक तरीके से बिना चालु नक्शा के राजस्व विभाग कवर्धा की टीम ने जाकिर चौहान पिता अमीर मोहम्मद निवासी मार्केट लाईन कवर्धा के साथ साँठ-गाँठ कर ग्राम मजगाँव पटवारी हल्का नम्बर 02 तहसील कवर्धा स्थित भूमि खसरा नम्बर 268/3 एवं खसरा नम्बर 268/4 पर 26 नग सागौन वृक्ष के स्थान पर चार नग सागौन वृक्ष दिखा कर विज्ञिप्ति जारीकर्ता को आर्थिक क्षति और मानसिक प्रताड़ना पहँुचाया गया है, के विरूद्ध शीघ्र जाँच कर दोषी सभी व्यक्तियों के विरूद्ध छल का प्रकरण दर्ज किये जाने विषयक एवं सभी दोषी पटवारी, आर.आई., एवं संबंधित नायब तहसीलदार के विरूद्ध कठोरतम विभागीय कार्यवाही करते हुए तत्काल निलंबित कर जाँच पश्चात् पदच्युत (बर्खास्त) किये जाने विषयक।
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विज्ञिप्ति जारीकर्ता के अनुसार स्वामित्वाधिपत्य की 26 नग सागौन वृक्ष जो ग्राम मजगाँव तहसील कवर्धा खसरा नं. 268/3, 268/4 रकबा क्रमशः 0.809, 0.534 हेक्टेयर में स्थित है जो जीर्ण-शीर्ण होकर गिरने की स्थिति होने के कारण जिसमें से चार वृक्ष गिर भी चुके हैं। उक्त वृक्षों के स्वामित्व के संबंध में आधिपत्य के संबंध में न्यायालीयन डिक्री भी विज्ञिप्ति जारीकर्ता के पक्ष में है, जो कि, माननीय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1, कबीरधाम के व्यवहारवाद क्रमाँक 18अ/2006 आदेश दिनाँक 18.07.2008 में ग्राम मजगाँव स्थित कृषि भूमि खसरा नं. उपरोक्तानुसार रकबा 2.00 एकड़ एवं 1.32 एकड़ में स्थित 32 नग सागौन वृक्षों का स्वामी विज्ञिप्ति जारीकर्ता को घोषित कर डिक्री निष्पादित किया गया है। उक्त प्रकरण में अपील भी हुआ था। जो विज्ञिप्ति जारीकर्ता के पक्ष में निराकृत हुआ था।
परिणामतः विज्ञिप्ति जारीकर्ता ने उक्त वृक्षों के अपने स्वामित्व में होने के कारण और उक्त वृक्षों के जीर्ण-शीर्ण हो जाने के कारण उक्त वृक्षों की कटाई की अनुमति हेतु माननीय कलेक्टर कबीरधाम को आवेदन प्रस्तुत किया था।
उक्त आवेदन के आधार पर माननीय कलेक्टर ने भी भूमि स्वामी एवं सभी हितबद्ध व्यक्तियों को सुनवाई का सम्यक अवसर देते हुए उक्त प्रकरण का निराकरण विज्ञिप्ति जारीकर्ता के पक्ष में किया है और कटाई की अनुमति विहित प्रावधान के आधार पर दिया है। जो कि, ई-कोर्ट प्रकरण क्रमाँक 201804080700079/अ – 62/2017-18 में पारित आदेश दिनाँक 07.09.2020 के आधार पर दिया गया है।
उक्त आदेश के बाद वनमंडलाधिकारी कवर्धा से विज्ञिप्ति जारीकर्ता ने मुलाकात किया तो उन्हें ज्ञात हुआ कि, वन विभाग के पास भी उक्त आदेश की एक प्रति पहुँच चुकी है तब विज्ञिप्ति जारीकर्ता ने वनमंडलाधिकारी को जानकारी दिया कि, वे आदेश के अनुसरण में काटे जाने वाले वृ़क्षों से चार गुना अधिक सागौन वृक्ष अपने फार्म हाऊस में लगा चुके हैं।
यहाँ यह बताना आवश्यक है कि, जाकिर चैहान पिता अमीर मोहम्मद उम्र 50 वर्ष लगभग एवं जावेद चैहान उम्र 40 वर्ष लगभग दोनों निवासी मार्केट लाइन जामा मस्जिद के पास कवर्धा, थाना व तहसील कवर्धा जिला कबीरधाम छ.ग. द्वारा स्वयं को कांग्रेस का बड़ा नेता बता कर विज्ञिप्ति जारीकर्ता को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से परेशान किया जा रहा है। इसी परेशान और प्रताड़ना करने के तारतम्य में विज्ञिप्ति जारीकर्ता द्वारा पुलिस प्रोटेक्शन प्राप्त करने से क्रोधित होकर और विज्ञिप्ति जारीकर्ता द्वारा दस पेंड़ सागौन के अपने स्वामित्व और आधिपत्य के सिविल न्यायालय और माननीय कलेक्टर एवं वन विभाग के आदेशानुसार कटवा लेने से विद्वेष भावना, जलन और विज्ञिप्ति जारीकर्ता से अवैधानिक तरीके से आर्थिक लाभ लेने का आशय रख कर जाकिर चैहान पिता अमीर मोहम्मद ने एक आपत्ति वन विभाग और राजस्व विभाग को पेश किया था जिसके आधार पर पुनः विज्ञिप्ति जारीकर्ता के स्वामित्वाधिपत्य वाले सागौन पेंड़ के आस-पास की भूमि का सीमाँकन राजस्व विभाग के टीम द्वारा किया गया जिसमें चार-पाँच राजस्व निरीक्षक, एक नायब तहसीलदार और लगभग सात-आठ पटवारी की टीम उक्त स्थल पर सीमाँकन करने सोमवार से गुरूवार तक अर्थात् 7 दिसम्बर 2020 से 10 दिसम्बर 2020 तक ग्राम मजगाँव तहसील कवर्धा, में खसरा नं. 268/3 और 268/4 में स्थित विज्ञिप्ति जारीकर्ता के स्वामित्वाधिपत्य की सागौन पेंड़ों के आस-पास के भूमि का सीमंाकन किया।
उक्त सीमाँकन पूर्णतः कांग्रेस समर्थित दबाव के चलते किया गया है और राजस्व विभाग की टीम द्वारा जाकिर चैहान पिता अमीर मोहम्मद नामक कांगे्रसी नेता के दबाव में उसके साथ साँठ-गाँठ कर चालू नक्शा जीर्ण-शीर्ण होने के बावजूद भी तथाकथित रूप से सीमाँकन कर स्थल पर मात्र चार सागौन वृक्ष दर्शा दिया गया है। जो कि, पूर्णतः अवैधानिक है। जबकि,राजस्व विभाग अपने सीमाँकन रिपोर्ट में स्वयं ये स्वीकार कर रही है। चालु नक्शा जीर्ण-शीर्ण है। ऐसी स्थिति में विशुद्ध सीमाँकन तो संभव हीं नहीं है। ऐसी स्थिति में पूर्व में किए गये सीमाँकन जिसमें 26 पेंड़ पाया गया था उसे ही सही मान कर आगे कार्यवाही किया जाना चाहिए।
चँूकि, भू-अभिलेख नियमावली के अनुसार नक्शे तीन तरह के होते हैं- (1) क्षेत्र नक्शा(फील्ड मैप) (2) संदर्भ नक्शा (3) चालू नक्शा। हर ग्राम के कृषि भूमि के वर्तमान स्वरूप में जैसे-जैसे बदलाव होता है तो ऐसा बदलाव चालू नक्शा में ही दर्ज होता है, स्वाभाविक है कि, किसी भी भूमि के वर्तमान स्थिति का विधिक एवं प्रायोगिक रूप से शुद्ध सीमाँकन चालू नक्शे से ही संभव हो सकता है। ऐसी स्थिति में दिनाँक 10 दिसम्बर 2020 को राजस्व विभाग कवर्धा की टीम द्वारा ग्राम मजगाँव पटवारी हल्का नं. 2 तहसील कवर्धा स्थित भूमि खसरा नं. 268/3 एवं 268/4 में केवल तथाकथित सीमाँकन के आधार पर चार सागौन वृक्ष खड़ा हुआ पाना नितांत आश्चर्यजनक है। उक्त सीमाँकन रिपोर्ट में उक्त पंचनामा और सीमाँकन रिपोर्ट में राजस्व विभाग की टीम मिशल नक्शा शीट की बात कर रही है। स्वाभाविक है कि, 1928 के रिकार्ड और वर्तमान चालू नक्शा अर्थात् सत्र 2020 के चालु नक्शे में बहुत अधिक परिवर्तन हो चुका है। विज्ञिप्ति जारीकर्ता ने सिविल न्यायालय से अपने पक्ष में जो डिक्री प्राप्त किया है और उक्त डिक्री के आधार पर माननीय कलेक्टर से सागौन वृक्षों की कटाई का जो आदेश प्राप्त किया उक्त आदेश के पूर्व जो भी सीमाँकन रिपोर्ट आया वह छब्बीस नग सागौन वृक्ष के संबंध में ही आया। अतः उक्त कांग्रेसी नेता ने दबावपूर्वक राजस्व अधिकारियों को झूठा रिपोर्ट तैयार करने उकसाया है यह स्पष्ट हो जाता है। चूँकि, विज्ञप्ति जारीकर्ता सिविल न्यायालय से एवं माननीय कलेक्टर से अपने पक्ष में न्यायालयीन डिक्री और आदेश उक्त 26 पेंड़ों के संबंध में अपने पक्ष में कब्जे और कटाई के संबंध में आदेश प्राप्त कर चुका है साथ ही यह बताना महत्वपूर्ण है कि, पूर्व में न्यायालयीन डिक्री में 32 नग सागौन पेंड़ का जिक्र है जो विज्ञप्ति जारीकर्ता के पक्ष में है जिसके संबंध में सूची भी बनी है, पंचनामा हुआ है।
राजस्व विभाग की टीम और उक्त कांगेसी नेता का उक्त कृत्य घोर निंदनीय है, अनैतिक, असमाजिक, असंवैधानिक और अविधिक है। विज्ञिप्ति जारीकर्ता कबीरधाम जिले का वरिष्ठ, सम्माननीय एवं प्रतिष्ठित नागरिक है जिसने विधि सम्मत तरीके से अपने कानूनी अधिकार को प्राप्त करने 21 वर्ष तक पूरे धीरज के साथ कानूनी लड़ाई लड़ कर अपना विधिक हक प्राप्त किया है। लेकिन ऐसा लगता है कि, राजस्व विभाग की टीम और उक्त कांगेसी नेता की नियत उक्त महँगे सागौन वृक्षों पर खराब हो चुकी है। यही कारण है कि स्थल निरीक्षण अगर सही ढंग से हो तो कुछ वृक्ष गिर चुके हैं और उनके भाग काटकर चोरीकर ले जाये जा चुके हैं।
विज्ञिप्ति जारीकर्ता अपने स्वामित्व के उक्त वृक्षों की कटाई की अनुमति प्राप्त कर चुका है लेकिन अनावेदकगण के बरताव के चलते बिना पुलिस प्रोटेक्शन के उक्त कटाई संभव नहीं है चूँकि, यदि बिना पुलिस प्रोटेक्शन के स्थल पर जाना होगा तो विज्ञिप्ति जारीकर्ता और वनमंडल की टीम के साथ कुछ अनिष्ट हो सकता है।
अतः उक्त परिस्थितियों को ध्यान में रख सादर निवेदन है कि, दिनाँक 07.12.़2020 से लेकर 10.12.2020 तक अशुद्ध तरीके से, अवैधानिक तरीके से बिना चालु नक्शा के राजस्व विभाग कवर्धा की टीम ने जाकिर चैहान पिता अमीर मोहम्मद निवासी मार्केट लाईन कवर्धा के साथ साँठ-गाँठ कर ग्राम मजगाँव पटवारी हल्का नम्बर 02 तहसील कवर्धा स्थित भूमि खसरा नम्बर 268/3 एवं खसरा नम्बर 268/4 पर 26 नग सागौन वृक्ष के स्थान पर चार नग सागौन वृक्ष दिखा कर विज्ञिप्ति जारीकर्ता को आर्थिक क्षति और मानसिक प्रताड़ना पहँुचाया गया है, के विरूद्ध शीघ्र जाँच कर दोषी सभी व्यक्तियों के विरूद्ध छल का प्रकरण दर्ज किया जावे एवं दोषी पटवारी, आरआई एवं नायब तहसीलदार के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही किया जावे। यह झूठे शिकायत के आधार पर मामले को उलझा कर विज्ञप्ति जारीकर्ता को ऐसे परेशान किया जा रहा है कि, 32 नग सागौन पेंड़, 26 नग बन जाता है और अब उसे 4 नग ही दिखाया जा रहा हैं, जो कि, अत्यंत गंभीर विषय है। शासन को न्यायहित में शीघ्र उचित कार्यवाही करना चाहिए, क्योंकि, एक वरिष्ठ व्यक्ति 21 वर्ष तक केस लड़ता है और जीतने के बाद भी मामला उलझ जाने के कारण आज रोज सागौन पेंड़ की रखवाली और कटे हुए पेंड़ जो उसे सुपुर्दनामा में नहीं दिया जा रहा है की रक्षा के लिए रोज 5,000/- खर्च कर रहा है और पूर्व में लाखों रूपये खर्च कर चुका है।