छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

कलेक्टर साहब! कंडम सिटी बसों की कैसे होगी सड़क पर वापसी

नौ महीने से डिपो में एक जगह खड़ी-खड़ी और भी हो गई खराब

बैठक में दिए गए निर्देश के पालन पर उभरा प्रश्नचिन्ह

भिलाई । लगभग नौ महीने से डिपो में एक ही जगह पर खड़ी सिटी बसें पहले से भी और ज्यादा कंडम हो गई है। ऐसे में कलेक्टर के सिटी बसों का परिचालन फिर से शुरू करने दिए गए निर्देश का पालन हो पाने में संदेह उभर आया है। इस स्थिति में आम यात्रियों को सस्ते व सुन्दर आवागमन सुविधा का लाभ कैसे और कब से मिल पाएगा यह भी अपने आप में यक्ष प्रश्न बन पड़ा है।

दुर्ग जिला कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने हाल ही में एक प्रशासनिक बैठक के दौरान कोरोना काल की दस्तक के साथ बंद पड़ी सिटी बसों के परिचालन पुन: शुरू किए जाने का निर्देश दिया है। बावजूद इसके सिटी बसों का परिचालन करने वाली एजेंसी की ओर से इस दिशा में कोई कवायद शुरू नहीं हो सकी है। वैसे भी कोरोना काल में लगी लॉकडाउन से पहले ही जिले में चलने वाली ज्यादातर सिटी बसें कंडम हो चुकी थी। ऐसे बसों के पहिए लगभग नौ महीने से थमे हुए हैं। स्वाभाविक तौर पर जो बसें नौ महीने से एक ही जगह बिना किसी हलचल के खड़ी है उसके फिर से सड़क पर वापसी की राह आसान नहीं मानी जा सकती। इस लिहाज से कलेक्टर के निर्देश का पालन हाल-फिलहाल हो पाने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।

गौरतलब रहे कि भिलाई-दुर्ग में सिटी बसों का परिचालन 28 मई 2015 को शुरू हुआ था। विभिन्न रूटों पर 70 सिटी बसों के चलने से आम लोगों को सस्ता व सुन्दर यात्री परिवहन सेवा मिल रही थी। लेकिन धीरे-धीरे रखरखाव के अभाव में 16 बसें सड़क से बाहर हो गई और 54 बस ही चल रही थी। इस 54 सिटी बसों की हालत भी कुछ अच्छी नहीं कही जा सकती थी। अब वही बसें जब पिछले नौ महीने से डिपो में खड़ी है तो फिर इनमें से कई बसों में पहले से भी ज्यादा खराबी आ जाना स्वाभाविक है। वर्तमान में सुपेला स्थित डिपो में अनेक बसें ऐसी खड़ी है जिनके पहिए तक निकले पड़े हुए हैं।

यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि दुर्ग से कुम्हारी का रूट सिटी बस के लिहाज से बेहद ही लोकप्रिय बना रहा। इसके बाद दुर्ग से अंजोरा और नंदिनी अहिवारा रूट पर चलने वाली बसों में भी सवारियों की कमी नहीं रहती थी। इन रूटों पर एक अक्टबर से निजी बसों का परिचालन शुरू हो चुका है। जबकि आटो जैसे सवारी वाहन लॉकडाउन के दिनों को छोड़ कोरोना काल में बिना किसी अड़चन के चल रही है। वहीं रायपुर जिले में सिटी बसों का परिचालन कोविड-19 को लेकर जारी नियम व शर्तों के अनुसार हो रहा है। बावजूद इसके दुर्ग जिले में सिटी बसों का परिचालन ठप रहने से लोगों को एक अच्छी यात्री परिवहन सेवा के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।

दूसरे काम धंधे में लगे चालक-परिचालक

कोरोना काल में बेरोजगार हुए सिटी बसों के चालक व परिचालकों ने दूसरे काम धंधे में अपने आपको संलग्न कर लिया है। इस वजह से भी कलेक्टर के शीघ्र सिटी बसों का परिचालन शुरू करने के आदेश को अमल में लाने को लेेकर संचालन करने वाली एजेंसी पेशोपेश में पड़ गई है। शुरू में जब लॉकडाउन लगा था तो कुछ दिनों बाद स्थिति सामान्य हो जाने की उम्मीद लिए चालक परिचालक घर पर बैठे रहे। लेकिन लॉकडाउन में मिली ढील के बाद जब दसरे सवारी वाहन सड़क पर दौडऩे लगी तो सिटी बस के चालक परिचालकों का सब्र जवाब देने लगा। आखिरकार घर परिवार का दायित्व निभाने प्राय: सभी चालक व पचिालक अपनी व्यवस्था के अनुसार रोजगार करने लग गए हैं। ऐसे में उनको फिर से बुलाकर सिटी बसों में लगाना अहम चुनौती बन पड़ा है।

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