छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने जिले के 3 धान खरीदी केन्द्रों का किया औचक निरीक्षण

कलेक्टर ने जिले के 3 धान खरीदी केन्द्रों का किया औचक निरीक्षण 
धान में मौजूद नमी की करायी जांच, देखी गुणवत्ता
नारायणपुर 10 दिसम्बर 2020 – कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने आज जिले के 3 धान खरीदी केन्द्रों नारायणपुर, बिंजली और एड़का का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने किसानों से बातचीत को और लायी गयी धान की मात्रा, धान में नमी की मात्रा, जारी टोकन एवं वेबसाइट पर अपलोड की गयी जानकारी आदि की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियांे से कहा कि धान बेचने के लिए आने वाले किसानों को टोकन प्राप्त करने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो इस बात का ध्यान रखें। उन्हांेंने सभी धान खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु शासन द्वारा निर्धारित मूल्य की सूची के फ्लैक्स या बोर्ड लगाने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने धान खरीदी केन्द्रों में उपलब्ध बारदानों की उपलब्धता आदि के बारे में भी पूछा। कलेक्टर श्री सिंह ने धान खरीदी केन्द्रों में किसानों द्वारा लाये गये धान में उपलब्ध नमी को अपने समक्ष जांच करवाया और धान की गुणवत्ता देखी। इस अवसर पर उनके साथ एसडीएम श्री दिनेश कुमार नाग, समिति प्रबंधक श्री प्रतीक अवस्थी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 
कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने धान खरीदी केन्द्रों में उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जो किसान अपना धान बेच चुके है, और जिनका रकबा समर्पित करना है, उनकी जानकारी तत्काल ऑनलाईन इंद्राज करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही धान बेचने के लिए आने वाले किसानों का कोविड-19 जांच कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने तीनों धान खरीदी केन्द्रों में तराजू-बाट की गुणवत्ता के साथ ही वजन, उपलब्ध बारदानों को रखने की व्यवस्था, खरीदी गये धान को सही तरीके से छल्ली लगाने की जानकारी ली।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने किसानों से बातचीत की। मौके पर कुछ किसान अपने स्वयं के बारदाने में धान लेकर बेचने के लिए उपार्जन केन्द्र में उपस्थित हुए थे। बातचीत के दौरान कलेक्टर ने किसानों से कहा कि यदि वे सहमत हो तो, अपने बारदाने समिति को बेच सकते हैं। इसके लिए उनके बारदाने की कीमत का भुगतान कर दिया जायेगा। अधिकांश किसानों ने अपने बारदाने समितियों को देने के लिए सहमति दी। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि किसानों की सहमति के बाद उनके बारदाने की संख्या, किसानों के नाम, मोबाईल नंबर, एकाउंट नंबर आदि लेकर पंजी का संधारण करें और इसके लिए किसानों को पावती भी दें। 

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