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भारत में हर साल सांप काटने से होती है करीब 1.25 लाख मौतें, इलाज के बाद भी दिव्यांगता का खतरा

एक वैश्विक अध्ययन में भारत में सर्पदंश को एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बताया गया है। नेचर जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में 1.25 लाख तक मौतें सांप के काटने से हर साल होती हैं, लेकिन जो लोग उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं, उनमें से काफी दिव्यांगता की चपेट में आ जाते हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड एजुकेशन के शोधकर्ताओं ने पिछले महीने एक वर्चुअल कांफ्रेस में भारत में सर्पदंश को लेकर रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया है कि भारत में साल में कम से 50 हजार और अधिकतम 1.25 लाख लोगों की मौत सांप के काटने से होती है। विश्व में होने वाली कुल मौतों में से आधे से अधिक अकेले भारत में है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सर्पदंश से पूरी दुनिया में होने वाली मौतों की रेंज 81000-138000 निर्धारित की गई है।

30 लाख वर्ष की क्षति
रिपोर्ट में कहा गया है कि सांप के काटने से होने वाली मौतों और उसके बाद शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों के कारण भारत को हर साल 30 लाख वर्ष के बराबर स्वस्थ और उत्पादक साल की क्षति होती है।

उपेक्षित बीमारी
सर्पदंश गरीबों की बीमारी है, जिसके कारण यह उपेक्षित रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे 2017 में उपेक्षित बीमारियों की सूची में शामिल किया था और 2030 तक सर्पदंश में कमी लाने के लिए इस दिशा में विशेष अभियान शुरू करने की पहल की थी।

देश में 300 किस्म के सांप
रिपोर्ट के अनुसार भारत में 300 किस्म के सांप हैं, जिनमें से कम से 60 प्रजातियां जहरीली हैं। सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ टोरंटों के निदेशक प्रभात झा के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सांप के काटे जाने से होने वाली सभी मौतें और मामले रिपोर्ट नहीं होते हैं। क्योंकि, जहां उपचार की सुविधा होती हैं, वहां रिकॉर्ड नहीं रखा जाता। बहुत सारे मामलों में उपचार नहीं मिलता। उनके संस्थान ने 2011 में भारत में सर्पदंश से 45900 लोगों की मौत का दावा किया था। हालांकि, पिछले साल यह मौतें 52 हजार बताई गई थीं

मैसूर विश्वविद्यालय के जीव विज्ञानी केम्पयाह केम्पाराजू ने कहा कि देश में सर्पदंश की घटनाएं सरकारों का ध्यान आकृष्ट नहीं कर पाती हैं, क्योंकि यह गरीब लोगों खासकर किसानों एवं उनके परिवार की समस्या है।

 

 

 

 

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