धान कटाई होते ही सक्रिय हो गए प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई करने वाले
मुख्यमंत्री के गृह विधानसभा में लकड़ी के अवैध परिवहन पर रोक लगाने वन विभाग असफल
भिलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह विधानसभा पाटन के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों प्रतिबंधित पेड़ कौहा का कटाई व उसका परिवहन धड़ल्ले से किया जा रहा है। इस पर रोक लगाने में वन विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारी असफल है। अल सुबह से दिन भर पेड़ो की कटाई की जाती है और देर रात से सुबह तक उसका परिवहन किया जाता है। इस विषय पर जब पाटन वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी से जानकारी लेना चाहें तो बताया गया की इसके बारे में वरिष्ठ अधिकारी ही जवाब दे सकते है। जब वरिष्ठ अधिकारी से फोन के माध्यम से सम्पर्क करना चाहा तो फोन ही रिसीव नही किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पाटन क्षेत्र में धान की कटाई पचास फीसदी हो चुका है। धान की कटाई होते ही खेतों में फसल खाली हो जाती है और खेतों में स्थित प्रतिबंधित पेड़ पौधों की कटाई का सिलसिला शुरू हो जाता है। वन विभाग राजस्व विभाग द्वारा कई बार इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किया गया है कि कौहा सहित अन्य पेड़ों की कटाई प्रतिबंधित है और अगर जरूरत हो तो शासन की अनुमति के बाद ही निर्धारित मात्रा में प्रतिबंधित पेड़ की कटाई की जा सकती है । लेकिन अब स्थिति यह है कि प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से चल रही है कटाई ही नहीं यहां पर अल सुबह से लेकर शाम तक पेड़ों की कटाई की जाती है और शाम से लेकर रात तक लकड़ी का परिवहन भी किया जाता है । लकड़ी का परिवहन पाटन क्षेत्र से बहुतायत मात्रा में होती है । कई बार फॉरेस्ट विभाग व राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई भी की गई है। ऐसा भी मामला सामने आया है कि पिछले 6 माह में एक से अधिक आरा मिक लकड़ी की अवैध रूप से भंडारण के लिए सील किया जा चुका है। लेकिन वन विभाग की निचली अधिकारियों की मेहरबानी से यह सब सिर्फ करवाई तक ही सीमित रह जाती है । आलम यह है कि अब फॉरेस्ट विभाग क मौन हो गए हैं।
इस मौन के कारण अब अवैध रूप से लकड़ी काटने वाले और परिवहन करने वाले एक हो गए हैं। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री के विधानसभा होने के बाद भी इस तरह से अवैध कारोबार चल रही है इस पर किसी का अंकुश नहीं है।