सालगिरह पर आईटीबीपी के सीईओ सुधाकर ने ग्रामीण बच्चों को बांटे कॉपी, पेन, पुस्तक व महिलाओं को साड़ी
कोण्डागांव। जिले के अंदरुनी क्षेत्र में कानून व्यवस्था एवं शांति बहाली हेतु स्थापितों कैम्पों में पदस्थ संयुक्त बलों के अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा शासन के निर्देष पर जनता से मित्राना संबंध स्थापित करने के लिए सिविक एक्शन प्रोग्राम आयोजित कर कैम्प के क्षेत्रांतर्गत आने वाले ग्रामों के ग्रामवासियों को सरकारी खर्च पर आवश्यकता की सामग्रियों को बाँटते तो अक्सर देखा जा सकता है, लेकिन विगत दिनों उक्त मामले से हटकर एक अलग ही नजारा देखने को मिला। हम बात कर रहे है आईटीबीपी के सीईओ सुधाकर शिंदे की जिनकेे द्वारा ग्रामीणजनों के बीच पहुंचकर अपनी शादी की सालगिरह पर बच्चों को पेन, काॅपी, पुस्तकें व महिलाओं को साड़ी बांटने के साथ ही भोजन कराया व अन्नदान किया तथा इस कार्य में उनके 45 जवानों ने भी सहभागिता निभाई। मामला 45 वीं वाहनी आइटीबीपी कैम्प धनोरा जिला नारायणपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम रायनार जौरी, हिपकुला का है जहां आईटीबीपी के सीईओ सुधाकर शिंदे के द्वारा 90 से अधिक ग्रामीणों के बीच पहुंचकर शादी की सालगिरह मनाई गई। सीईओ सुधाकर ने बताया कि उन्हें शादी के 11 वीं सालगिरह में छुट्टी नहीं मिलने पर उन्होंने निर्णय लिया कि वे अपनी सालगिरह कुछ इस तरह मनाएं कि उनके लिए यादगार होने के साथ ही कुछ अन्य लोगों के लिए भी यादगार व लाभप्रद साबित हो, यही कारण था कि उन्होंने जनजाति वर्ग के लोगों के मध्य शिक्षा के महत्व को बताने के साथ ही उन्हें विकसित समाज से जोडने के उद्देश्य से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के ग्रामीणजनों के बच्चों को पेन, कापी, पुस्तकें व महिलाओं को साडियां भेंट किया। उक्त कार्यक्रम में आर.एल. शर्मा कमान अधिकारी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
ज्ञात हो कि सीईओ पद पर पदस्थ सुधाकर शिंदे अपने वेतन का कुछ हिस्सा दान स्वरूप पढाई-लिखाई व किसी गरीबजन के ईलाज या अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में खर्च करते रहते हैं। उनका मानना है कि शिक्षा से ही व्यक्ति अपना सामाजिक, आर्थिक विकास कर सकता है, इसलिए क्षेत्रवासियों को शिक्षित किया जाय जिससे उनकी अधिकांष समस्याओं का समाधान स्वतः हो जाएगा।
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