छत्तीसगढ़

जन्म से कुपोषित मनीष के लिए वरदान बना मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान : माता के निधन के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की देखरेख से सुधरी मनीष की सेहत

जन्म से ही कुपोषित मनीष के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान वरदान बन गया। बस्तर जिले के मंगनार ग्राम के चंदरसाय के यहां 30 जून 2017 को चौथे पुत्र मनीष का जन्म हुआ। मां बेलमती की कम उम्र में विवाह होने के कारण शारीरिक रुप से कमजोर थी। इसी कारण मनीष का वजन भी जन्म के समय मात्र 1700 ग्राम था। बेलमती के कमजोर सेहत के कारण बच्चे को पर्याप्त मात्रा में मां का दुध उपलब्ध नहीं हो रहा था। इस स्थिति में मनीष के छः माह होते ही आंगनबाड़ी केन्द्र से पोषक आहार दिया जाने लगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रीता पांडे ने बताया कि जन्म से ही कुपोषित मनीष के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान (हरिक नानीबेरा) एक वरदान साबित हुआ। दो अक्टूबर 2019 से प्रारंभ इस योजना के तहत मनीष को अंडा और मुंगफली के साथ ही गर्म भोजन भी दिया जाने लगा। इससे मनीष की सेहत में तेजी से सुधार आया और वह कुपोषण की गिरफ्त से मुक्त हो गया। लंबी बीमारी के बाद इसी वर्ष मार्च में मनीष की मां का देहांत हो गया। इसके पश्चात् लॉकडाउन के दौरान भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रीता पांडे द्वारा निरंतर सुखा राशन पहुंचाने के साथ ही उसके सेहत के देखभाल की सुध ली गई। मनीष के सुपोषित होने से उसके परिजनों के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रीता भी काफी खुश हैं और शासन की इस महत्वपूर्ण योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त करती हैं।

Related Articles

Back to top button