खास खबरछत्तीसगढ़

महिला समूहों को रोजगार दिलाने के नाम पर, 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने का खुलासा, Revealing fraud in the name of providing jobs to women groups, more than 5 crores

सरगुजा / महिला समूहों को रोजगार दिलाने के नाम पर बैंकों से लोन निकलवाकर ठगी करने के मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपियों ने जिले की 870 महिलाओं से 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने की बात कबूली है. पूछताछ में आरोपियों ने पूरे पैसों को शेयर बाजार में लगाने का खुलासा किया. पुलिस ने उनके पास से एक कार बरामद की है. तीसरे आरोपी की तलाश पुलिस कर रही है. रविवार को मामले का खुलासा करते हुए एएसपी ओम चंदेल ने बताया कि 4 मार्च को उदयपुर थाना के करौदी थाना क्षेत्र की महिला अन्या पैंकरा पति सुमेर पैंकरा ने पुलिस से शिकायत की थी कि सलका निवासी ज्योतिष निशाद व अन्य आरोपियों द्वारा उन्हें महिला समूहों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बैंकों व फाइनेंस कंपनी से लोन दिलवाया गया था. उन्हें प्लास्टिक का कचरा एकत्रित कर खाद बनाने, दोना पत्तल बनाने, अचार-पापड़ का काम दिलाने का भरोसा दिया, और महिला समेत गांव की अन्य महिलाओं के पैसे लेकर फरार हो गया.  समूह के नाम ठगी का मामला सामने आने के बाद एएसपी टीआर कोशिमा द्वारा एएसपी ओम चंदेल व एसडीओपी ग्रामीण चंचल तिवारी के नेतृत्व में उदयपुर, दरिमा व कोतवाली की संयुक्त टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए गए. पुलिस की जांच के दौरान अनेकों चौंकाने वाले खुलासे हुए. जिसके बाद मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस व साइबर सेल की टीम ने इस मामले में गिरोह के सलका निवासी ज्योतिष निशाद को महाराष्ट्र के पुणे से जबकि उसके साथ अनिल कुमार सोनी को गृह ग्राम सूरजपुर जिले के भैयाथान अंतर्गत ग्राम दर्रीपारा से गिरफ्तार किया. जबकि इस गिरोह का एक और मास्टरमाइंड अनिल लकड़ा फरार बताया जा रहा है जिसकी तलाश की जा रही है. पुलिस ने आरोपी ज्योतिष निशाद के पास से ठगी के पैसों से खरीदा गया एक कार बरामद किया गया है, अनिल सोनी ने अपने हिस्सों के पैसों में से 35 लाख रुपए शेयर बाजार में लगा दिए है जबकि बाकी पैसे इनके खातों में पड़े है.शेष बड़ी राशि फरार आरोपी अनिल लकड़ा के पास बताई जा रही है. पुलिस के अनुसार वर्ष 2018 में तीनों ने ग्रामीण महिला समूहों को अपने झांसे में लिया और उनके लिए बैंकों से लोन पास करवाए. हर समूह से उन्होंने 20 हजार रुपए लिए थे और उन्हें एक वर्ष में 30 हजार रुपए लौटने का वादा किया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि यदि वे अपने साथ 6 अन्य समूहों को जोड़ते है तो उन्हें 8 हजार रुपए दिया जाएगा. हर समूह को 6-6 समूह जोड़ने का लालच दिया गया और एक वर्ष तक पैसे देने के बाद वे अचानक अपना कारोबार बंद कर फरार हो गए. एएसपी ओम चंदेल ने बताया कि सरगुजा के उदयपुर क्षेत्र में आरोपियों ने भारत फाइनेंस लखनपुर से महिला समूह करौंदी के नाम पर 12 लाख 7 हजार 550 रुपए, एसडीएफसी बैंक अंबिकापुर से महिला समूह करौंदी से 3 लाख 50 हजार, एक्सिस बैंक सूरजपुर से महिला समूह करौंदी के नाम पर 10 लाख 90 हजार, अन्नपूर्णा बैंक उदयपुर महिला समूह करौंदी से 6 लाख 24 हजार, भारत फाइनेंस लखनपुर नुनेरा महिला समूह के नाम पर 5 लाख 85 हजार 900, ग्राम शक्ति महिला समूह नुनेरा से 68 हजार 530 रुपए, एचडीएफसी बैंक अंबिकापुर से महिला समूह नुनेरा के नाम पर 1 लाख 54 हजार 968 रुपए, ग्रामीण कुटा उदयपुर महिला समूह नुनेरा से 3 लाख 33 हजार 105 रुपए, भारत फाइनेंस लखनपुर महिला समूह चकेरी से 76 हजार रुपए व कुल 44 लाख 90 हजार 103 रुपए की ठगी की है. जबकि इसी तरह गिरोह ने दरिमा क्षेत्र में समूहों से 3 करोड़ 72 लाख, 33 हजार 374 रुपए, मणिपुर क्षेत्र में महिला उगेश्वरी सिंह से 11 लाख 50 हजार रुपए, सूरजपुर में महिला समूहों से 20 लाख रुपए से अधिक की ठगी की है. इस तरह गिरोह द्वारा अब तक 870 महिलाओं से 5 करोड़ से अधिक के ठगी की बात सामने आ चुकी है. आम तौर पर अगर कोई नागरिक बैंक से लोन लेने के लिए जाए तो अनेकों नियमों का हवाला दिया जाता है, लेकिन यह बात समझ से परे है कि इन महिलाओं को आखिर किस आधार पर पांच करोड़ से अधिक का लोन बैंकों ने दे दिया. इनमें कई राष्ट्रीयकृत बैंक भी शामिल है ऐसे में बैंककर्मियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है. पुलिस इस मामले में जांच की बात कह रही है.

Related Articles

Back to top button