छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

परिसीमन को लेकर भिलाई तीन चरोदा की राजनीति में आया उबाल

वर्तमान में तीन पार्षदों के भविष्य पर लगा प्रश्नचिन्ह

वार्डवार नफा नुकसान के आंकलन में जुटे दोनों पार्टी के नेता

भिलाई। वार्ड परिसीमन की स्थिति अधिकृत रूप से सामने आते ही भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र की राजनीति में उबाल सा आ गया है। कांग्रेस व भाजपा संगठन के नेता नये परिसीमन के आधार पर आगामी चुनाव के लिहाज से वार्डवार नफा नुकसान के आंकलन में जुट गए हैं क्योंकि नये परिसीमन ने वर्तमान के तीन पार्षदों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

डबरापारा दक्षिण और रेलवे कालोनी चरोदा के दो वार्डों को विलोपित करते हुए तीन नये वार्डों को अस्तित्व में लाया गया है। इसमें भिलाई-3 में बजरंग पारा, विश्व बैंक कालोनी और चरोदा में शिक्षित नगर वार्ड शामिल है। पूर्व में बजरंग पारा संपूर्ण गांधी नगर के साथ समाहित था। अब गांधी नगर को दो भागों में विभाजित कर पश्चिमी हिस्से को डबरापारा दक्षिण से अलग हुई भिलाई-3 रेलवे कालोनी तथा पूर्वी हिस्से को संपूर्ण बजरंग पारा में मिलाकर अलग-अलग वार्ड बना दिए गए हैं। इसी तरह महामाया पारा व वसुन्धरा नगर में रहे इलाकों को जोड़कर विश्व बैंक कालोनी के नाम से नया वार्ड बनाया गया है। जबकि चरोदा में पंचशील नगर पूर्व व पश्चिम के रूप में जो दो वार्ड पहले से अस्तित्व में थे उसमें काट-छांट कर शिक्षित नगर के नाम से एक और वार्ड बनाया गया है।

भिलाई-चरोदा नगर निगम के 40 वार्डों के नये परिसीमन के प्रस्ताव पर शासन के मुहर लगा दी है। इस आशय की सूचना वैसे तो बीते 3 अक्टूबर को ही राज पत्र में प्रकाशित हो चुकी है। लेकिन इसके बारे में जनप्रतिनिधियों से लेकर स्थानीय राजनीति में दखल रखने वाले तक बेखबर रहे। शनिवार को अचानक राजपत्र में प्रकाशित सूचना के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही एकाएक भिलाई-चरोदा की राजनीति में उबाल सा आ गया है। नये परिसीमन की सूची सामने रख कांग्रेस व भाजपा के नेता आगामी चुनाव के लिहाज से चुनावी संभावनाओ पर मंथन करने में जुट गए हैं।

नये परिसीमन में भिलाई-चरोदा नगर निगम के वार्डों की संख्या को यथावत 40 रखा गया है। लेकिन सीमाओं में बदलाव किए जाने से तीन पार्षदों को अपने परंपरागत वार्ड खोना पड़ गया है। ऐसे वार्डों में भिलाई-3 की डबरापारा दक्षिण तथा चरोदा रेलवे कालोनी की दो वार्ड है। डबरा पारा दक्षिण में पहले भिलाई-3 का रेलवे कालोनी समाहित था। एमआईसी सदस्य राजू कुमार देवांगन इसी वार्ड से चुने गए थे। अब डबरापारा दक्षिण और उत्तर को मिलाकर एक वार्ड कर दिया गया है। यह वार्ड परंपरागत रूप से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। रेलवे कालोनी भिलाई-3 को गांधी नगर के आधे हिस्से में मिलाकर नया वार्ड बन गया है। लेकिन निवास क्षेत्र डबरापारा दक्षिण होने से राजू कुमार देवांगन की भावी पार्षदी खतरे में पड़ गई है। नये परिसीमन का सबसे अधिक नुकसान चरोदा रेलवे कालोनी के पार्षदों को होता दिख रहा है। पहले रेलवे कालोनी के जोन-1, जोन-2 और जोन-3 को पांच वार्डों में बांटा गया था। अब यहां पर वार्डों की संख्या प्रत्येक जोन के हिसाब से तीन रखी गई है। वर्तमान में चरोदा रेलवे कालोनी के पांच वार्डों में कांग्रेस के मोहन साहू, किरण राजू नायडू, जीत सिंह तथा भाजपा के शशिकांत बघेल व चन्द्रप्रकाश पांडेय पार्षद है। अब जब वार्डों की संख्या तीन रह गई है तो मौजूदा दो पार्षदों को या तो घर बैठना पड़ेगा या फिर दूसरे वार्ड में जाकर मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ साबित करनी होगी।

आपत्तियों का हुआ निराकरण

वार्ड परिसीमन के प्रारंभिक प्रकाशन में कुछ वार्डों के नाम बदले जाने को लेकर आपत्ति लगाई गई थी। अंतिम प्रकाशन में उन आपत्तियों का निराकरण कर दिया गया है। प्रारंभिक प्रकाशन में पुराने महामाया पारा के नाम को विलोपित करते हुए शांतिनगर के नाम से नया वार्ड बना दिया गया था। इसी तरह शांति नगर के कुछ इलाके को रखते हुए नवविकसित कालोनी श्याम नगर के नाम पर वार्ड सृजित किया गया था। इसका विरोध करते हुए कलेक्टर के समक्ष आपत्ति लगाई गई थी। जिसके आधार पर शांति नगर को महामाया पारा तथा श्याम नगर को शांति नगर नाम दे दिया गया। लेकिन सीमाएं यथावत रखी गई है।

Related Articles

Back to top button