छत्तीसगढ़

वनांचल ग्राम पथरा टोला (अगरी) में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से कराए गए तालाब गहरीकरण कार्य से आजीविका के नए साधन खुले है

*महात्मा गांधी नरेगा से हुआ तालाब गहरीकरण कार्य बना आजीविका का केन्द्र*

*वनांचल गांव अगरी के तालाब में मछली पालन से खुला आमदनी का रास्ता*

कवर्धा, 28 नवम्बर 2020। कबीरधाम जिले के विकासखण्ड बोड़ला के वनांचल ग्राम पथरा टोला (अगरी) में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से कराए गए तालाब गहरीकरण कार्य से आजीविका के नए साधन खुले है । जिला मुख्यालय से लगभग 80 कि.मी. की दूरी पर सघन साल वृक्षों के बीच बसे ग्राम पंचायत बम्हनी की कुल आबादी लगभग 1450 है, जिनमें 460 परिवार निवास करते है। बम्हनी निवासियों के आजीविका का प्रमुख साधन खेती है, जिसमें मुख्य फसल के तौर पर धान, कोदो, कुटकी और मक्का है। कुछ लोगो के द्वारा दो फसलीय खेती की जाती है, जिसमें गेहू का फसल मुख्य है। बहुत से ग्रामीणों के पास खेती के लिए जमीन कम होने के कारण वनोपज संग्रहण के साथ मजदूरी एवं अन्य कार्य जीविकोपार्जन का मुख्य जरिया है।

*वैश्विक महामारी कोरोना लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणों को मिला रोजगार*

ग्रामीणों को रोजगार देने के उद्देश्य से वैश्विक महामारी कोरोना काल के लॉकडाउन के दौरान ग्राम पथरा टोला (अगरी) में 9 लाख रुपए की लागत से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के द्वारा ताजिया तालाब गहरीकरण कार्य प्रारंभ किया गया। ग्राम रोजगार सहायक श्रीमती निर्मला धुर्वे ने बताया की इस कार्य में 230 मजदूरों को रोजगार का अवसर प्राप्त हुआ तथा पूरी राशि 9 लाख रुपए मजदूरी पर व्यय करते हुए 5113 मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ। महात्मा गांधी नरेगा से कराए गए तालाब गहरीकरण के कार्य में जहाँ ग्रामीणों को रोजगार का अवसर मिला तो वही दूसरे ओर आजीविका संवर्धन के लिए नए रास्ते भी खुले गए।
ताजिया तालाब में 12 सदस्यी जय सेवा गोंडवाना समूह मछली पालन के कार्य से जुड़े है। समूह के सदस्य श्री कुंजू सिंह मेरावी ने बताया कि 24 किलो मछली का बीज तालाब में डाला गया है। जिसमें मुख्य रूप से रोहू, कतला, मृगल प्रजाति के बीज है। उन्होंने बताया कि हमारे क्षेत्र में कार्य करने वाले सामर्थ चेरीटेबज ट्रस्ट के सदस्यों ने मछली पालन और उससे होने वाले लाभ के बारे में हमारा ज्ञानवर्धन कर हमे इस कार्य से जुड़ने हेतु प्रोत्साहित किया। मछली पालन से नियमित रोजगार और आमदनी की इच्छा लिए हम 12 पुरूषो ने साथ मिलकर समूह बनाया है। सामर्थ ट्रस्ट के द्वारा हम लोगों को ग्राम खैरबनाकला के मछली पालन केन्द्र मे ले जाकर प्रशिक्षण दिलाया गया तथा 4 किलो मछली का बीज मत्स्य पालन विभाग और 5 किलो बीज सामर्थ चेरीटेबज ट्रस्ट द्वारा द्वारा दिया गया। शेष 15 किलो मछली का बीज हम सदस्यों ने अपने ओर से 35 हजार रुपये मिलाकर खरिदा है तथा तालाब में डाला है। उन्होंने बताया कि विभाग के कर्मचारियों द्वारा हमको लगातार जानकारी देते रहते है। जुलाई में डाला गया मछली का बीज फरवरी-मार्च तक तैयार हो जायेंगे। जिसका विक्रय 140 से 160 रूपये प्रति किलो की दर से पास के रेंगाखारकला एवं रोल पंचायत के बाजार में बेचकर आमदनी कमाएंगे।

*महात्मा गांधी नरेगा और भारत रूरल लाइवलीहुड फाउंडेशन का संयुक्त प्रयासः सीईओ श्री दयाराम*

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने बताया की बोड़ला विकासखण्ड के वनांचल क्षेत्र में आने वाले 50 ग्राम पंचायतों में भारत रूलर लाइवलीहुड फाउंडेशन का कार्य शासन के दिशा निर्देश अनुसार चल रहा है। मुख्य रूप से वनांचल क्षेत्र में आने वाले ग्राम पंचायतों में ग्रामीणो के इच्छानुसार रोजगार और आजीविका के कार्य से जोड़ने के लिए सामर्थ चेरीटेबज ट्रस्ट द्वारा भारत रूरल लाइवलीहुड फाउंडेशन के तहत कार्य कर रहा है। महात्मा गांधी नरेगा योजना से रोजगार मूलक बहुत से कार्य निरंतर चलाये जा रहें है। जिससे कि ग्रामीणों को वर्ष भर रोजगार का अवसर मिलता रहें। उन्होंने बताया कि पथरा टोला (अगरी) में मनरेगा से हुए तालाब गहरीकरण को आजीविका के गतिविधियों से जोड़ा गया है जहां पर समूह द्वारा मछली पालन कर आमदनी कमाएंगे। इसी तरह बी.आर.एल.एफ. क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में 21 समूह मछली पालन के कार्य से जुड़े है, जिसमें 8 पुरूष समूह है और 13 महिला समूह है। इन सभी समूहों को सामर्थ चेरीटेबज ट्रस्ट के द्वारा प्रोत्साहित करते हुए आजीविका के कार्य से जोड़ने हेतु तैयार किया गया है। जो महात्मा गांधी नरेगा योजना से निर्मित परिसमंपत्ति के माध्यम से संभव हो रहा है।

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