21 साल की एक युवा नेत्री ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. आठ माह पहले महज 21 साल की उम्र में निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुई
महज 8 महीने में दूसरी बार निर्विरोध
मामला बाड़मेर की धोरीमन्ना पंचायत समिति से जुड़ा है. इस पंचायत समिति की सूदाबेरी गांव निवासी सरिता विश्नोई आठ माह पहले अपने गांव की निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुई थी. अब जब पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव आए तो सरिता विश्नोई ने धोरीमन्ना प्रधान के लिए दावेदार जताते हुये फिर चुनाव मैदान में ताल ठोक दी. इसके लिए उसने वार्ड 3 से पंचायत समिति सदस्य के पद के लिए नामांकन दाखिल किया, लेकिन ग्रामीणों की सहमति से सरिता इस वार्ड से भी निर्विरोध सदस्य चुन ली गई है.
प्रधान पद की प्रबल दावेदार मानी जा रही सरिता
पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 20 (2) के तहत एक पद पर निर्वाचित होने के बाद अगर कोई जनप्रतिनिधि दूसरे पद पर निर्वाचित होता है तो पहला पद स्वत: ही रिक्त हो जाता है. ऐसे में धोरीमन्ना विकास अधिकारी ने आदेश जारी कर सूदाबेरी सरपंच से सरिता को हटाकर रिक्त कर दिया है. अब अगर बीजेपी का बहुमत हुआ तो सरिता प्रधान की प्रबल दावेदार मानी जा रही है.
पिता खुद चुनाव नहीं लड़ पाए इसलिये बेटी को लड़वाया
सुदाबेरी के जयकिशन के चार संतानें हैं. इसलिए वो खुद चुनाव नहीं लड़ पाए तो बेटी को सरिता को चुनाव लड़ाया था. बाकी दो बेटे और एक बेटी की उम्र 21 वर्ष से कम है. ऐसे में चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इसलिए उन्होंने पंचायत समिति चुनाव में फिर से सरिता को चुनाव मैदान में उतार दिया. इस बार भी गांव के लोगों ने फिर उन पर भरोसा जताया और सरिता को निर्विरोध चुन लिया. सरिता महज 8 माह के अंतराल में दो बार निर्विरोध जनप्रतिनिधि चुनी गई है.
सुदाबेरी सरपंच का पद हुआ रिक्त
धोरीमन्ना विकास अधिकारी नरेंद्र सोऊ ने धोरीमन्ना पंचायत समिति के वार्ड सदस्यों के लिए मतदान से ठीक एक दिन पहले एक आदेश जारी कर सुदाबेरी सरपंच से सरिता को हटा दिया है. ऐसे में अब सरिता के पास वार्ड 3 से सदस्य का पद ही रहेगा.