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चीन की मदद से पाकिस्तान में चली पहली मेट्रो ट्रेन

पाकिस्तान को अपनी पहली मेट्रो लाइन (Metro Line) मिल गई है. पंजाब सूबे की राजधानी लाहौर (Lahore) में देश की पहली मेट्रो लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है. पाकिस्तान को मेट्रो की सौगात चीन की मदद से मिली है. इस 27 किलोमीटर (17-मील) लंबी ऑरेंज लाइन पर दो दर्जन से ज्यादा स्टेशन पड़ते हैं. भीड़भाड़ वाले लाहौर शहर में इससे कहीं भी आना-जाना आसान हो जाएगा. बस से कहीं जाने में अगर ढाई घंटे लगते हैं, तो मेट्रो से वहां महज 45 मिनट में पहुंचा जा सकेगा. अधिकारियों को उम्मीद है कि मेट्रो पूरी तरह से चालू होने पर रोजाना लगभग ढाई लाख लोग इसमें सफर करेंगे. पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री उस्मान बूजदार ने रविवार को उद्घाटन समारोह के मौके पर कहा, “ये परियोजना लाहौर में जनता को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगी.”

इस परियोजना की लागत 300 अरब रुपये है. इस परियोजना को पूरा करने में कई साल की देरी हुई और कई राजनीतिक विवाद हुए. लेकिन आखिरकार सोमवार को ये सेवा आम लोग के लिए शुरू कर दी गई. इस मेट्रो लाइन को चीन की मदद से बनाया गया है. हाल के वर्षों में पाकिस्तान ने बड़ा कर्ज लिया है, जिसे लेकर सवाल बढ़ते जा रहे हैं. चीन ने अपनी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश किया है, जिसका मकसद है एशिया, अफ्रीका और यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं को बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से जोड़ना. इस मेट्रो परियोजना के खिलाफ आवाजें भी उठी थीं. दरअसल कई लोग इस बात को लेकर चिंतित थे कि इस परियोजना की वजह से विश्व विरासत स्थल, शालीमार गार्डन समेत लाहौर की कुछ सबसे लोकप्रिय जगहों को नुकसान पहुंचेगा. इस परियोजना के विरोध में प्रदर्शन भी हुए थे. इस मेट्रो लाइन के रास्ते में पड़ने वाले 600 से ज्यादा पेड़ भी काटने पड़े थे.

उद्घाटन के मौके पर चीनी महावाणिज्यदूत लॉन्ग डिंगबिन ने इस मेट्रो सिस्टम को पाकिस्तान और चीन की दोस्ती में एक मील का पत्थर बताया. उन्होंने कहा, “मैं इस मौके पर पंजाब सरकार और पाकिस्तान के लोगों को बधाई देता हूं.”  “सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में दक्षिण एशियाई देश के लिए एक नए चरण” की शुरुआत बताया.

 

 

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