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जानिए अंतरिक्ष नीति के लिए क्या मायने रखता है 2020 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव

साल 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव (US Presidential Election)  के नतीजे मतदान के दो दिन बाद भी स्पष्ट नहीं हो सके हैं. अमेरिकी (US) और पूरी दुनिया के अगले चार इस चुनाव के नतीजे से प्रभावित होने वाले हैं. अंतरिक्ष (Space) शायद इस चुनावी जंग का अहम मुद्दा नहीं रहा था, लेकिन फिर भी आज जिस तरह से अमेरिका अंतरिक्ष मामलों में सक्रिय है, उससे यह क्षेत्र चुनाव से अछूता मानना शायद सही न हो.

अंतरिक्ष नीति के बारे नहीं की थी कोई बात

राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रम्प और पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन इस चुनाव में अंतरिक्ष के बारे में बात नहीं की. लेकिन पूरी दुनिया की निगाहें इस चुनाव के साथ अगले राष्ट्रपति के अंतरिक्ष नीति पर भी हैं. जहां तक डोनाल्ड ट्रम्प का सवाल है वे अपनी अंतरिक्ष नीति में काफी सक्रिय दिखे हैं.

क्या किया ट्रम्प ने
ट्रम्प ने नेशनल स्पेस काउंसिल बनाया. इस काउंसिल का अध्ययक्ष उपराष्ट्रपति को बनाया गया. अंतरिक्ष नीति संबंधित पांच निर्देशों पर हस्ताक्षर किए और नासा के चंद्रमा पर इंसान भेजने की योजना में सक्रियता दिखाई.  इसके साथ ही उन्हीं के काल में चंद्रमा पर इंसान को लंबे समय तक रुकने की योजना पर काम शुरू किया गया

और ये कदम भी
ट्रम्प के अन्य नीति निर्देशों में अंतरिक्ष उद्योग व्यवसाय का नियमन निर्धारित करने और अंतरिक्ष के यातायात के नियंत्रण के नियम बनाने से संबंधित हैं. वहीं एक और अंतरिक्ष के सिस्टम्स में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लक्ष्य से संबंधित है जबकि एक अन्य ने सुरक्षा विभाग से अमेरिकी स्पेस फोर्स बनाने का निर्देश है. उन्होंने नासा के लिए बजट बढ़ाने का भी समर्थन किया है.

तो क्या बदलाव होगा अगर ट्रम्प..
इन बातों को देखते हुए अगर ट्रम्प दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं तो उनका दूसरा कार्यकाल पहले ही तरह हो सकता है, कम से कम अंतरिक्ष मामलों में तो ऐसा ही होने की उम्मीद है. ऐसे में अंतरिक्ष का व्यवसायीकरण, पृथ्वी के बाहर उत्खखन, अंतरिक्ष में अमेरिकी सम्पत्तियों की सुरक्षा, अंतरिक्ष में अमेरिकी वर्चस्व जैसे मुद्दों पर जोर जारी रहेगा.

क्या करेंगे बाइडेन
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जो बाइडेन अगर राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो भी अमेरिका के अंतरिक्ष नीति में ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. डेमोक्रेट्स भी नासा के अभियान को पूरा समर्थन देने के पक्ष में हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता अंतरिक्ष के मुकाबले जलवायु परिवर्तन संबंधी शोध हो सकता है. इसकी वजह यह बताई जा रही है कि बाइडेन कह चुके हैं कि उनकी प्राथमिकता जलवायु परिवर्तन होगा

ट्रम्प का आक्रामकता
वहीं ट्रम्प जलवायु परिवर्तन को बिलकुल गंभीरता से नहीं लेते हैं. वे अमेरिका के गर्व की बातें करते  हैं और इसी के तहत नासा के अभियानों का समर्थन करते हैं. इस लिहाज से बाइडेन शायद अंतरिक्ष मामलों में उतने आक्रामक न दिख सकें जितने की ट्रम्प दिखे हैं.

इसके अलावा नासा की योजनाएं इतनी दीर्घावधि होती हैं कि उन्हें किसी नए राष्ट्रपति के लिए बदलना आसान नहीं होता है. यह भी सच है कि नासा की योजनाओं को अनुदान  और उसकी स्वीकृति सीधे राष्ट्रपति से मिलती है. अमेरिका का पिछले कुछ दशकों का इतिहास बताता है कि राष्ट्रपति परिवर्तन से अमेरिका की अंतरिक्ष नीति में बदलाव कभी भी बहुत ज्यादा नहीं दिखा है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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