शस्त्र पूजन के साथ शास्त्रों का पूजन भी किया : महंत रोहित शास्त्री।*
*शस्त्रे शास्त्रे च कौशलम्।*
*शस्त्र पूजन के साथ शास्त्रों का पूजन भी किया : महंत रोहित शास्त्री।*
जम्मू : विजयदशमी पर्व यानि बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार,अधर्म पर धर्म की जीत का त्यौहार है इस दिन शस्त्र पूजा का खास विधान है इस दिन जो भी कार्य शुरु किया जाए उसमें सफलता निश्चित रूप से मिलती है,विजयदशमी के उपलक्ष्य में आज रायपुर दोमाना में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ने शक्तिरूपा दुर्गा,काली की आराधना के साथ-साथ शस्त्र एवं शास्त्रों का भी पूजन किया,इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमे शस्त्रों के साथ शास्त्रों की भी पूजा अर्चना करनी चाहिए, अगर व्यक्ति को शास्त्रों का पूरा ज्ञान हो तो व्यक्ति की जीवन में कभी भी हार नहीं होती।
शस्त्र पूजन की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है, शास्त्र की रक्षा और आत्मरक्षा के लिए धर्मसम्म्त तरीके से शस्त्र का प्रयोग होता रहा है। प्राचीन समय में क्षत्रिय युद्ध पर जाने के लिए इस दिन का ही चुनाव करते थे। उनका मानना था कि दशहरा पर शुरू किए गए युद्ध में विजय निश्चित होगी, शस्त्रे शास्त्रे च कौशलम्।
इस अवसर पर समाज सेवी विजय सेठ आदि उपस्थित रहे।