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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने लेह की जनता से किया सवाल- क्या वापस चाहते हैं अनुच्छेद 370?

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में चीन (China) की मदद से अनुच्छेद 370 (Article 370) लागू करने के फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) के बयान पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी (Union Minister of State for Home G Kishan Reddy) ने लेह (Leh) में एक जनसभा के दौरान जमकर निशाना साधा. रेड्डी ने वहां की जनता से सवाल किया कि क्या वह दोबारा 370 और जम्मू कश्मीर राज्य का हिस्सा बनना चाहते हैं? जी किशन रेड्डी ने कहा कि “फारूक अब्दुल्ला जी ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और कांग्रेस चीन की मदद से फिर से अनुच्छेद 370 लागू करवाएंगे और लद्दाख से केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा वापस ले लेंगे. रेड्डी ने कहा कि क्या आप केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा और अनुच्छेद 370 चाहते हैं?”

बता दें पिछले दिनों अनुच्छेद 370 को लेकर दिए गए फारूक अब्दुल्ला के बयान पर काफी हंगामा हुआ था. कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference), पीडीपी (PDP) समेत कई विपक्षी पार्टियां जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस देने और उसे फिर से राज्य में तब्दील करने की मांग कर रही हैं. इस संबंध में केंद्रशासित प्रदेश की मुख्य धारा की पार्टियों ने एक राजनीतिक गठबंधन भी बनाया है

विपक्षी पार्टियों ने बनाया गठबंधन

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के आवास पर गुरुवार को एक बैठक हुई थी और इसमें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, पीपल्स मूवमेंट के नेता जावेद मीर और माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने भी हिस्सा लिया. करीब दो घंटे चली बैठक के बाद अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि नेताओं ने गठबंधन बनाने का निर्णय किया, जिसका नाम ‘पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन’ रखा गया है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन जम्मू-कश्मीर के संबंध में संवैधानिक स्थिति बहाल करने के लिए प्रयास करेगा, जैसा पिछले वर्ष पांच अगस्त से पहले था. उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जो छीन लिया गया, उसकी बहाली के लिए हम संघर्ष करेंगे. हमारी संवैधानिक लड़ाई है… हम (जम्मू-कश्मीर के संबंध में) संविधान की बहाली के लिए प्रयास करेंगे, जैसा कि पांच अगस्त 2019 से पहले था.’’

अब्दुल्ला ने कहा कि गठबंधन जम्मू-कश्मीर के मुद्दे के समाधान के लिए सभी संबंधित पक्षों से वार्ता भी करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले समय में हम आपको भविष्य की योजनाओं से अवगत कराएंगे.’

पिछले अगस्त में हुई थी सभी राजनीतिक दलों की बैठक
भाजपा को छोड़कर कश्मीर के सभी बड़े राजनीतिक दलों की पिछले वर्ष चार अगस्त को फारूक अब्दुल्ला के आवास पर बैठक हुई थी. यह बैठक पूर्ववर्ती राज्य में अनिश्चितता और तनाव के बीच हुई थी, क्योंकि केंद्र ने अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को वहां तैनात किया था और अमरनाथ के श्रद्धालुओं सहित सभी पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने के लिए कहा गया था

स्थिति को लेकर चिंता जाहिर करते हुए राजनीतिक दलों ने संयुक्त बयान जारी किया था जिसे ‘गुपकार घोषणा’ के नाम से जाना जाता है.

 

केंद्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को मिले विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों — जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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