प्रतिदिन की भांति सुंदर ऑनलाइन सत्संग का आयोजन पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास जी द्वारा
छत्तीसगढ़ :- 19 सितम्बर प्रतिदिन की भांति सुंदर ऑनलाइन सत्संग का आयोजन पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास जी द्वारा उनके सीता रसोई संचालन ग्रुप में प्रातः 10:00 से 11:00 बजे और दोपहर 1:00 से 2:00 बजे किया जा रहा है, एवं दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक पुरुषोत्तम मास की सुंदर कथा का आयोजन संत राम बालक दास जी के सानिध्य में पूरे 30 दिन तक आयोजित किया गया है जिसे आप पाटेश्वर धाम के यूट्यूब चैनल ओर फेसबुक पेज पर लाइव देख सकते हैं
आज की सत्संग परिचर्चा में पुरुषोत्तम अग्रवाल जी ने मंगल कलश की पवित्रता के विषय में बताने की विनती बाबाजी से की, बाबा जी ने कहा कि हमारे हिंदू सनातन धर्म में पंच तत्वों का बहुत अधिक महत्व है, हमारा शरीर इन पंच तत्व के द्वारा ही निर्मित है अतः पंचतत्व का सम्मान हमारे लिए बहुत महत्व रखता है, इसीलिए किसी भी पूजा के प्रथम मंगल कलश स्थापित करते हैं मंगल कलश इन्हीं पांचों तत्वों द्वारा निर्मित होता है मिट्टी के घड़े से हम धरती को उस में भरे हुए जल से हम जल देवता को और घड़े को अग्नि के द्वारा पकाया जाता है तो अग्नि देवता को और खुले में आकाश के नीचे इसका निर्माण होता है
इसीलिए यह मंगल कलश भगवान ब्रह्मा विष्णु महेश त्रि देवों का प्रतीक रूप माना जाता है और किसी भी पूजा में सर्वप्रथम मंगल कलश की स्थापना करके ही पूजा की जाती है ताकि हमें यह सदैव स्मरण रहे कि हम इन्हीं पंच तत्व द्वारा निर्मित है
रामफल जी ने प्रश्न किया कि सभी जगह शिव जी के विष्णु भगवान के और अन्य सभी देवी देवता के मंदिर देखने मिलते हैं परंतु कहीं भी भगवान ब्रह्मा जी का मंदिर नहीं ऐसा क्यों, इस विषय को स्पष्ट करते हैं बाबा जी ने बताया कि हमारे वेद पुराणों से ज्ञात है कि ब्रह्मा जी सृष्टि के निर्माण के देवता है उन्होंने ही इस संपूर्ण ब्रह्मांड का निर्माण किया है, और निर्माण करता ब्रह्मा जी का महत्व देखो कि उनके ही मंदिर हमें विश्व में कहीं भी दिखाई नहीं देते, इस से हम यह प्रेरणा ले सकते हैं कि जो जितना अधिक बड़ा होता है उसकी महानता उतनी ही अधिक होती है उसे मान सम्मान पूजा पाठ से कोई अभीप्राय नहीं होता वह अपने निर्माण कार्य अपनी सेवा कार्य में ही संलग्न रहता है, राम, कृष्ण भगवान राम विष्णु शिव जी हर देवी देवता का मंदिर आपको मिलेगा परंतु ब्रह्मा जी का मंदिर एकमात्र पुष्कर में स्थापित है और वही उनकी पूजा भी होती है इसका एकमात्र कारण इसलिए भी है कि उन्हें सरस्वती माता का श्राप मिला हुआ है कि उनकी कहीं भी पूजा नहीं होगी और उनके मंदिर का भी निर्माण नहीं होगा इसीलिए ब्रह्मा जी का मंदिर हमें नहीं मिलता पूजा होती है
रामपाल जी ने पुरुषोत्तम मास के निर्माण के विषय में बाबा जी से पूछा बाबा जी ने इस विषय को स्पष्ट करते हुए बताया कि पुरुषोत्तम मास हमारे हिंदू धर्म में विक्रम संवत के अनुसार निर्मित होता है, तिथियों के घटने बढ़ने से निर्मित हर 3 वर्ष में अतिरिक्त माह होता है, जैसे वर्ष में एकादशी अधिक हो जाती है तो कभी त्रयोदशी और चतुर्दशी एक साथ हो जाती है तिथियों के घटने बढ़ने से हर 3 वर्ष में एक अतिरिक्त माह जो होता है वही पुरुषोत्तम मास कहलाता है, और इस प्रकार तिथियों का संतुलन भी फिर से बन जाता है
चौपाई ” किएहु कुवेश साधु सनमानू …. के भाव को स्पष्ट करने की विनती बाबा जी से की गई
बाबाजी ने इस प्रसंग को स्पष्ट करते हुए बताया कि कभी-कभी हम संत का विकट रूप भी देखते हैं वैसे तो भगवान शंकर से विकट रूप कोई नहीं उनके विकट रूप भी पूरी सृष्टि के लिए कल्याणकारी है वैसे ही हम यदा-कदा संसार में भी साधु संतों का अद्भुत एवं विकट रुप देखते हैं उन्हें हमें अवश्य रूप से प्रणाम कर लेना चाहिए क्योंकि भले ही उनका वेश विकट हो पर उनके मन की भावनाएं जगत का कल्याण करना ही होता है
आज श्री राम बालक दास जी ने सूचना दी कि इस ऑनलाइन सत्संग में कोई भी जुड़ना चाहे तो 9425510729 पर वाट्सएप मेसेज करके जुड़ सकते है
नवागांव खगेश के श्री अनिल शर्मा जी ने 108 बोरी सीमेंट का आज गोशाला निर्मानबमे दान दिया जिन्हें बाबाजी ने शुभकामनाये दी
इस प्रकार आज का अद्भुत सत्संग पूर्ण हुआ
गौ माता जय गोपाल
जय सियाराम
सबका संदेश ब्युरो चीफ बेमेतरा टिकेश्वर साहू 9589819651