बाजारों में फल सब्जियों के दामों में लगी आग को कैसे बुझाएगी सरकार? – प्रकाशपुन्ज पाण्डेय
*बाजारों में फल सब्जियों के दामों में लगी आग को कैसे बुझाएगी सरकार? – प्रकाशपुन्ज पाण्डेय*
समाजसेवी और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने मीडिया के माध्यम से जनता से जुड़ी हुई एक बड़ी समस्या को चिन्हित करते हुए कहा है कि बाजार में फल सब्जियों के दामों में आग लगी हुई है लेकिन सरकार अब तक महंगाई की समस्या और उसके निदान पर पूरी तरह से विफल साबित हुई है। सरकार को बड़ी ही गंभीरता से सोचना होगा कि जहाँ एक ओर देश में नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ गई है वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण रही सही कमी पूरी हो गई। अगर बात करें महंगाई की तो जहां एक ओर आम लोगों के आय के साधन में कमी आई है, लोगों की जेब में पैसे कम बचने लगे, वहीं दूसरी ओर महंगाई मुंह बाए खड़ी है।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी इसका बहुत बड़ा असर हुआ है जहां एक ओर छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के शुरुआती दौर में कोरोना के आंकड़े कम थे, वहीं आज यह आंकड़े लगभग एक लाख के आसपास पहुंच रहे हैं और सरकार की लाख सकारात्मक कोशिशों के बाद भी इस पर काबू नहीं पाया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप सरकार को बार-बार अलग-अलग जिलों में लॉकडाउन लगाने की जरूरत पड़ रही है। यही नहीं अब जो लॉकडाउन लग रहा है वह संपूर्ण रूप से लग रहा है। ठीक है कि सरकार कोरोना के मामले को लेकर गंभीर दिखाई पड़ती है लेकिन लॉकडाउन ही इसका इलाज नहीं है। क्योंकि लॉकडाउन के कारण जनता में अफरा-तफरी का माहौल हो जाता है और घर में भंडारण के हेतु लोग एक साथ सामान खरीदने की फिराक में रहते हैं और इन सभी कारणों के कारण महंगाई और बढ़ती जा रही है। जैसा कि सबको पता है कि फल और सब्जी रोज़मर्रा की जरूरत है और इसके बिना कोई भी व्यक्ति रह नहीं सकता, लेकिन कुछ लोग कालाबाजारी करने की फिराक में रहते हैं और इस कारण बाजार में फल सब्जियों के भाव बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यह अपील की है कि इस महंगाई के दौर में जहां आय के साधनों में कमी आई है लेकिन हर परिवार और हर व्यक्ति के खर्चे बढ़ते जा रहे हैं, सरकार को चाहिए कि कम से कम अनाज, फल और सब्जियों के दामों पर रोक लगाए ताकि ग़रीब और साधारण व्यक्ति दो वक्त की रोटी खा पाए। आज सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं अब यह कैसे मुमकिन है कि एक आम आदमी दो वक्त की सब्ज़ी खा पाए। यह बहुत ही गंभीर समस्या है। सरकार को इस पर संवेदनशीलता से विचार करना चाहिए क्योंकि लॉकडाउन सरकार ने लगाया है जनता ने नहीं। अगर सरकार जनता के हित में लॉकडाउन लगा रही है, तो सरकार को बाजार में बिकने वाली रोज़मर्रा की वस्तुएं जैसे दूध, फल, सब्जी और अनाज के मूल्यों की वृद्धि पर ही अंकुश लगाने की अत्यधिक आवश्यकता है।
*प्रकाशपुन्ज पाण्डेय, रायपुर, छत्तीसगढ़*
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