छत्तीसगढ़

ईमानदार व्यक्ति को पहचाने- ज्योतिष

ईमानदार व्यक्ति को पहचाने- ज्योतिष
दुष्ट व्यक्ति और ईमानदार व्यक्ति को पहचान कर बुद्धिमत्ता से व्यवहार करें। ईमानदार व्यक्ति की सेवा करें, दुष्ट की नहीं।
संसार में कुछ लोग ईमानदार हैं और कुछ दुष्ट हैं। आज के वातावरण में दुष्ट लोग अपनी दुष्टता, चालाकी और धोखाधड़ी से सत्ता एवं संपत्तियों पर अधिकार कर लेते हैं। अपने आप को बड़ा सज्जन, ईमानदार और बुद्धिमान प्रस्तुत करते हैं। जबकि वे अंदर से बहुत ही खराब स्वभाव के होते हैं।
और ईमानदार लोग अपने सज्जनता, सरलता, नम्रता आदि गुणों के कारण शांत रहते हैं। सभ्यता से व्यवहार करते हैं। फिर भी अधिकांश लोग उन सीधे, सरल, सच्चे, ईमानदार लोगों का समर्थन नहीं करते। शायद वे, दुष्ट एवं बलवान लोगों से डरते हैं, कि यदि हम इन बलवान दुष्ट लोगों का विरोध करेंगे, और इस सज्जन की सहायता करेंगे, तो यह बलवान व्यक्ति हमसे नाराज हो जाएगा, और भविष्य में हमारी भी हानि करेगा। इस आशंका से अधिकतर लोग अन्याय के सामने आवाज नहीं उठाते।
परंतु सांसारिक लोगों का ऐसा सोचना सही नहीं है। क्योंकि जो दुष्ट व्यक्ति है, वह अपने स्वार्थ के कारण आज किसी एक व्यक्ति के साथ दुष्टता का व्यवहार कर रहा है, समय आने पर वह दूसरों के साथ भी वैसी ही दुष्टता करेगा। जो लोग आज उस अन्याय के सामने मौन बैठे हैं, तब उनको होश आएगा कि यह तो आज हमारी भी हानि कर रहा है, यह व्यक्ति ठीक नहीं है। तब उस दिन समझ में आएगा कि जब इस दुष्ट ने दूसरे सरल व्यक्ति पर अन्याय किया था, तब हम मौन रहे थे, वह हमारी भयंकर भूल थी। (संसार भर में फैला आतंकवाद इस बात का ज्वलंत उदाहरण है। यह आतंकवाद बड़े स्तर पर भी होता है, और छोटे स्तर पर भी। आपके घर से लेकर दूर दूर देशों तक फैला हुआ है।)
परंतु तब पश्चाताप करने से क्या लाभ? यदि आपको अपने भविष्य की सुरक्षा करनी है, तो आज ही जागना होगा। अन्याय के विरोध में अपनी आवाज़ आज ही उठानी होगी।
क्योंकि महर्षि मनु जी ने भी ऐसा ही कहा है कि , या तो सभा में जाना नहीं चाहिए, या फिर सत्य ही बोलना चाहिए। सत्य का ही समर्थन करना चाहिए। जिस सभा में सभासदों के देखते-देखते अन्याय होता है, और वे सभासद अन्याय का विरोध नहीं करते, तो समझना चाहिए कि वहां पर सब मरे हुए हैं, कोई भी जीवित नहीं है।
तो आपके जीवित होने का प्रमाण यही है, कि आप न्याय के पक्ष में ही अपना समर्थन देवें। अन्याय के सामने मौन न रहें। अन्याय होता हुआ देखते हुए भी, सभा में गलत कानून पास होता हुआ देखते हुए भी, यदि आप मौन रहेंगे, तो समय आने पर आपको इसका भयंकर दंड भोगना पड़ेगा। चाहे इस जन्म में, चाहे अगले जन्म में।
इसलिए सब लोगों की परीक्षा करके, उनके साथ उचित व्यवहार करें। *दुष्टों का समर्थन सेवा आदि न करें। चाहे आप दुष्ट लोगों की कितनी भी सेवा कर लेवें, उनको प्रसन्न करने का कितना भी प्रयास कर लेवें, वे कभी भी संतुष्ट नहीं होते।
सज्जनों की रक्षा, सेवा इत्यादि करें, तो आपको बहुत पुण्य मिलेगा, इससे आपका भविष्य सुंदर, सुरक्षित, और सुखमय होगा।

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