कोरोना मे न खुले आंगनबाड़ी: नीतू कोठारी*

*कोरोना मे न खुले आंगनबाड़ी: नीतू कोठारी*
कोरोना संकट के बीच आंगनबाड़ी खोलने के आदेश से कार्यकताओं की चिंता बढ़ गई है।कार्यकर्त्ताओ व बच्चों की समस्या को देखते हुए पार्षद नीतू कोठारी ने कलेक्टर की अनुपस्थिति मे डिप्टी कलेक्टर संदीप ठाकुर को ज्ञापन सौपकर कहा हैं कि दरअसल बच्चों को स्थास्थ्य एवं पोषण दिवस के लिए गरम भोजन प्रदान करने केन्द्र खोले जाने के आदेश के बाद से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। जिले में लगातार कोरोना के केस में दिन प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है। विधायक , अपर कलेक्टर कोरोना संक्रमित हो गए हैं। बावजूद इसके आंगनबाड़ी केन्द्र में गरम भोजन प्रदाय करने बच्चों का हुजुम लगाना कहा तक उचित होगा।नीतू कोठारी का कहना है कि, कोविड के बावजूद कार्यकर्ता लगातार काम कर रही हैं। घर-घर पहुंच कर गर्भवती महिलाओं को दवाईयां खिलाई जा रही है। साथ ही आंगनबाड़ी में दर्ज बच्चों को घर तक रेडी टू इट पहुंचाया जा रहा है। जब से कोविड-19 की शुरुआत हुई,तब से लेकर अब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगातार काम कर रही है।जबकि केन्द्र में पहुंचने वाले बच्चे 6 साल तक के होते हैं और बच्चों में इस बात का बिलकुल भी ज्ञान नहीं है कि, वह सोशल और फिजिकल डिस्टेंस का पालन कर सकें। वर्तमान में कोरोना का प्रकोप बढ़ता चला जा रहा है। बावजूद इसके आंगनबाड़ी की महिलाएं काम कर रही है। 7 सितम्बर से केन्द्र खोले जाने के बाद बच्चे एक दूसरे के सम्पर्क में आएंगे और कोरोना का खतरा बड़ जाएगा।
कोठारी ने बताया कि,सरकार एक तरफ बच्चों और बजुर्गों को घर में रहने की सलाह दे रही है दूसरी तरफ आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने के आदेश जारी करती है। सरकार के आदेश के बाद से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर रोष देखा जा रहा यह बात तो एकदम साफ हैं कि, कोरोना किसी भी उम्र के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता युवाओं से कम होती है