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समर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यलय में आज दिनांक 31.08.2020 को ऑक्सफेम इंडिया के मार्गदर्शन में एवं समर्थ द्वारा नई शिक्षा नीति को जन जन तक पहुँचाने में मीडिया की भूमिका पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया

कबीरधाम | कवर्धा स्थित समर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यलय में आज दिनांक 31.08.2020 को ऑक्सफेम इंडिया के मार्गदर्शन में एवं समर्थ द्वारा नई शिक्षा नीति को जन जन तक पहुँचाने में मीडिया की भूमिका पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया | जिसमें कवर्धा जिले के पत्रकारों समेत शिक्षा से जुड़े साथी एक्टिविस्ट , सामजिक क्षेत्रों में शिक्षा के लिए कार्य कर रहे एक्टिविस्ट साथीगण शामिल हुए |

कार्यक्रम में आये एक्टिविस्ट एवं पत्रकारों द्वारा 2020 में सरकार द्वारा लाई गई शिक्षा नीति पर विस्तार से चर्चा की गई | परिचर्चा के दौरान ज़ूम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ऑक्सफेम इंडिया, दिल्ली से जुड़ीं एक्टिविस्ट एंजेला के साथ नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन एवं पूर्व में हुए शिक्षण कार्य के मुद्दों पर बात हुई | इस दौरान शिक्षां के लिए भारत सरकार द्वारा जी डी पी को भी विस्तार से समझा गया | वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही जुड़े प्रकाश गढ़िया शिक्षा समन्वयक छत्तीसगढ़ ने शिक्षा पर पत्रकारों और एक्टिविस्ट से चर्चा करते हुए कहा नई शिक्षा नीति में विश्लेषण करना बहुत जरुरी हैं | शिक्षा नीति में ध्यान देने की जरुरत है कि सीमान्त समुदाय जैसे आदिवासी, दलितों पर अधिक फोकस हो, बच्चियों की शिक्षा के लिए प्रयास हों | जितने संसाधन जुटाने की जरुरत है वह कहाँ से आयेंगे| अतः मीडिया के साथियों की यह भूमिका हो जाती हैं, कि वह इस नीति को ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच में लेके जाएँ |

कार्यक्रम में पहुंचे पत्रकार सुरेश श्रीवास्तव ने कहा कि उचित शिक्षा के लिए शिक्षा में समानता बहुत जरुरी है | पहले गुरुकुलों के माध्यम से शिक्षा सभी को बराबर भाव से दी जाती थी | चाहे वह किसी का भी बालक हों चाहे वहां बालक विधायक का हो या फिर बालक मंत्री का हो | लेकिन अभी कि स्थिति में विद्यालयों में भेदभाव का दौर धड़ल्ले से जारी हैं और शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही हैं | बेहतर शिक्षा के लिए पालक, बालक, शिक्षक, सरकार, सभी को विशेष ध्यान देने कि आवश्यकता है |

कार्यक्रम में पहुंचे संजय यादव पत्रकार ने कहा कि मातृभाषा में अगर पढाई हो तो ड्रॉपआउट कि संख्या घटेगी और बेहतर शिक्षा कि ओर समाज के कदम बढ़ेंगे | सामजिक कार्यकर्ता चंद्रकांत यादव ने कहा कि शिक्षा हमें आगे ले जाने का एक मात्र माध्यम है और सार्वजनिक तथा सर्वोचित ढांचा है | नई शिक्षा नीति में आरक्षण की कहीं भी बात नहीं की गई है और हर जगह मेरिट को सामने ला दिया गया है | जनता के लिए बनाई गई शिक्षा नीति का ताल्लुक जनता से जुडा दिखाई नहीं देता है | शिक्षा नीति को मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाकर विश्लेषण कर जनता के समुचित हितों के प्रति समर्पित करने की आवश्यकता है | वहीँ योगेश साहू पत्रकार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आखरी हिस्सों में सरकार की शिक्षा नीति पहुँचते-पहुँचते दम तोड़ देती है | उन्होंने ऑनलाइन पढाई का उदाहरण देते हुए आखिरी हिस्सों में सरकार द्वारा मूलभूत सुविधाओं के प्रॉपर क्रियान्वयन नहीं होने के मुद्दे को रखते हुए शिक्षा नीति को उनके स्थानों और अवस्था के अनुसार ढालने की बात कही ताकि आखिरी व्यक्ति भी शिक्षा से वंचित ना रहे |कार्यक्रम में उपस्थित हुए सूरज मानिकपुरी पत्रकार ने कहा कि सरकार स्कूल तो बना दे रही है लेकिन वहां होने वाले पढ़ाई तथा भौतिक ढांचों की तरफ अपना ध्यान नहीं दे पा रही है | अतः सरकार को रखरखाव में शिक्षा के बेहतर माहौल पर ध्यान देने की आवश्यकता है | वहीँ पंडरिया से पहुंचे पत्रकार हिमांशु ठाकुर ने कहा कि अमीरी गरीबी का भेदभाव मिटाकर शिक्षा को बेहतर बनाने की आवश्यकता |
कार्यक्रम का सञ्चालन समर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट के सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बागरी ने किया इस अवसर पर छात्र संगठन से कवर्धा के साथी चंद्रकांत मरकाम, अरुण सिंह, अभिषेक ध्रुव, पत्रकार साथी राकेश जयसवाल,अयान सिद्दीकी, हरिराम यादव, सामजिक कार्यकर्ता रमन सिंह, मोंटू पाली, समर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट से लक्ष्नी धुर्वे, डीपीएम पंकज मिश्रा, लक्ष्मण मरावी उपस्थित रहे | नर्मदा प्रसाद ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी आगंतुक पत्रकारों एवं पहुंचे एक्टिविस्टों के विशेष योगदान के लिए आभार व्यक्त किया |

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