बीएसपी में इन-हाउस विकसित कोविड-19 इंफ ो ऐप का सीईओ ने किया उद्घाटन
भिलाई। सभी नागरिकों के लिए कोविड-19 महामारी ने कई चुनौतीपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न करने के साथ ही कई अनसुलझे प्रश्न और अनिश्चितताएँं लेकर आई हैं। भिलाई इस्पात संयंत्र बिरादरी ने हर चुनौती पर विजय पाने हेतु अपने सृजनात्मक प्रयासों को बखूबी अंजाम दिया है। कोरोना काल में टीम भिलाई के समक्ष इस्पात बिरादरी के प्रत्येक सदस्य जिसमें नियमित कार्मिकों के साथ-साथ ठेका श्रमिक तथा उनके परिजनों के स्वास्थ्य व सुरक्षा को सुनिश्चत करने हेतु कर्मचारियों को केन्द्रीयकृत सूचना के साथ लैस करने की तीव्र महसूस की जा रही थी। इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भिलाई बिरादरी की क्रिएटिव टीम ने आंतरिक संसाधनों से कोविड-19 इंफो ऐप बनाने का बीड़ा उठाया।
भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपने कर्मचारियों में कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए उन्हें सभी सूचनाओं और उपायों से युक्त कर समग्र जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कोविड-19 इंफो ऐप नाम से एक एनड्रॉयड आधारित ऐप विकसित किया। इस महत्वपूर्ण ऐप का उद्घाटन सेल के निदेशक परियोजना एवं व्यवसाय योजना एवं सीईओ, बीएसपी अनिर्बन दासगुप्ता द्वारा किया गया।
इस ऐप की मुख्य विशेषताओं में विभागीय नोडल अधिकारी की जानकारी, जोखिम एक्सपोजर प्रोटोकॉल, संपर्क ट्रेसिंग प्रोटोकॉल, इस विषय पर जारी प्रासंगिक परिपत्र और समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देश, इस हेतु प्राप्त छुट्टी की पात्रता, सावधानियाँ, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और फीडबैक आदि शामिल हैं।
इस ऐप के विकास में तुषार रॉय चौधरी, सीनियर मैनेजर कार्मिक-एचआरआईएस एंड रूल्स के नेतृत्व में जितेंद्र मीणा, सीनियर मैनेजर (एसएमएस-2), एस पी राजकुमार, उप प्रबंधक (इंकास) डी माधव राव, सीनियर टेक्निशियन, (आरएमपी-2) और सुश्री निशा बाउल, उप प्रबंधक कार्मिक-एचआरआईएस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आज के डिजिटलीकरण के युग में और बेहतर कर्मचारी सेवाएं प्रदान करने के लिए, श्री दासगुप्ता द्वारा इस अवसर पर गैर-अधिकारियों के लिए एक ऑनलाइन लीव एप्लीकेशन मैनेजमेंट सिस्टम (ओलाम्स) का भी उद्घाटन किया गया। इस ओला स मॉड्यूल का विकास सुश्री सरबानी दास, उप महाप्रबंधक (सी एंड आई टी) द्वारा किया गया है। यह ओला स मॉड्यूल वक्र्स, नॉन-वक्र्स और माइन्स के गैर-कार्यपालकों को छुट्टी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा प्रदान करेगा। यदि कोई कर्मचारी चिकित्सा आधार पर छुट्टी के लिए आवेदन करता है और चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करता है, तो अब प्रमाणपत्र जारी न करने के संबंध में प्राधिकृत अधिकारी को एक मैसेज भेजा जाएगा। इस प्रकार इस सिस्टम के लागू होने से और अधिक पारदर्शिता और सुविधा प्राप्त होगी।