भिलाई तीन चरोदा निगम का एक वार्ड जहां के निवासी जी रहे हैं नरकीय जीवन
सड़क और नाली जैसी मूलभूत सुविधा के लिए लोग तरस रहे हैं।
बारिश के दिनों में हर साल बढ़ जाती है दिक्कत
भिलाई। भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र में वैध कालोनी में सुमार श्याम नगर के रहवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। इस नवविकसित कालोनी में लगभग 80 प्रतिशत की बसाहट होने के बाद भी सड़क व नाली जैसी मूलभूत सुविधा के लिए लोग तरस रहे हैं। बारिश के दिनों में कीचड़ भरी सड़कों के चलते लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
निगम कार्यालय से चंद फर्लांग दूर पर श्याम नगर कालोनी बसी है। क्षेत्र के चुनिंदा वैध कालोनियों में शामिल श्याम नगर का दुर्भाग्य है कि यहां अब तक पक्की सड़क व नाली का अभाव बना हुआ है। निगम के द्वारा इसी कालोनी के पास अटल आवास का निर्माण कराया गया है। अटल आवास में तो सड़क व नाली बनी हुई है, लेकिन श्याम नगर में ऐसी सुविधा नहीं होने से लोगों को कीचड़ भरे रास्ते से होकर आवाजाही करनी पड़ रही है। बारिश के इस मौसम में खासकर चारपहिया वाहन रखने वालों को कीचड़ भरी सड़क बेहद हलाकान कर रही है अनेक लोग तो बारिश के मौसम में अपने निजी वाहनों को कहीं और रहने वाले परिचित अथवा रिश्तेदार के घर पर खड़ी करने में अपनी भलाई समझते हैं।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि श्याम नगर कालोनी में निगम द्वारा भवन अनुज्ञा प्रदान किया जाता है। विधिवत भवन अनुज्ञा प्राप्त करने पर मकान बनाने वालों से निगम को अच्छा खासा राजस्व भी मिलता है। बावजूद इसके सड़क नाली और बिजली जैसी मूलभूत सुविधा नहीं मिलने से रहवासियों में न केवल निगम के अधिकारी बल्कि चुने गए जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी जमकर आक्रोश देखा जा रहा है।
गौरतलब रहे कि साडा काल में सिंधी कालोनी के रूप में पुराने पूनम टाकीज के पास आवासीय भूखंड बेचे गए थे। नियमानुसार इस कालोनी के वैध श्रेणी में होने से अनेक लोगों ने यहां पर आवासीय भूखंड खरीदा और अपनी सुविधा के अनुसार मकानों का निर्माण कराया। कुछ बरस पहले इसका नाम सिंधी कालोनी से श्याम नगर किया गया। निगम कार्यालय, सिविल कोर्ट, तहसील, महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय सहित अनेक सामाजिक भवनों के आसपास होने के चलते यह कालोनी तेजी के साथ आबाद होने लगी है। आज की स्थिति में लगभग 80 प्रतिशत भूखंड में मकान बन चुके हैं। लेकिन सड़क व नाली के अभाव में रहवासियों को भारी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है।