छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

एसएलआरएम सेंटर बनी महिलाओं के लिए आजीविका का केन्द्र,

गोधन से सजावटी वस्तुएं बनाकर आमदनी में कर रही वृद्धि

भिलाई। नगर पालिक निगम भिलाई के जोन-4 खुर्सीपार स्थित एसएलआरएम सेंटर महिलाओं के लिए आजीविका का केन्द्र बन गई है। यहां सत्यमेव सीएलएफ की महिलाएं न केवल घरों से एकत्र की गई कचरे का सेग्रीगेशन कर खाद बना रही है, बल्कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पंजीकृत हितग्राहियों से क्रय की गई गोबर से लकड़ी, घरों को सजाने वाले सजावटी वस्तुएं और बच्चों के खिलौने भी बना रही है। इससे उन्हें अच्छी आमदनी भी हो रही है।

प्रतिदिन 19 हजार किलोग्राम गोबर की खरीदी

जोन-4 के आयुक्त अमिताभ शर्मा ने बताया कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत 147 पशु पालकों ने अपना पंजीयन कराया है जिसमें से 55 हितग्राही नियमित रूप से एसएलआरम सेंटर में गोबर बेच रहे हैं। लगभग 19 हजार किलोग्राम गोबर की खरीदी होती है। इनसे सत्यमेव सीएलएफ की अध्यक्ष भारती पखाले, कोषाध्यक्ष डी मीना सहित अन्य मशीन से गोबर की लकड़ी बना रही है। घरों को सजाने वाली सिनरी, बच्चों के खिलौने सहित कई वस्तुएं गोबर से बना रही है। जो दिखने में सुंदर और आकर्षक लग रही है।

वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए एसएलआरएम सेंटर में 22 टंकियां तैयार

एसएलआरएम सेंटर में गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। एसएसलआर सेंटर में तैयार की गई 22 टंकियों में गोबर डालकर वर्मी कंपोस्ट बनाने की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। जिसमें केंचुआ डालकर जुट के बारदाने से ढंकने का कार्य किया जाएगा। इसी तरह से बाकी टंकियों में भी वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाएगा।

भिलाई नगर विधायक व महापौर देवेन्द्र यादव और निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देशानुसार सभी जोन क्षेत्र में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी केन्द्र एवं वर्मी कंपोस्ट स्ट्रक्चर बनाने का कार्य चल रहा है। जोन-5 टाउनशिप को छोड़कर बाकी जोन में गोधन की खरीदी शुरू हो चुकी है, इस जोन में स्थल चयन किया जा रहा है। शासन-प्रशासन के निर्देशानुसार केवल पंजीकृत हितग्राहियों से ही गोबर खरीदा जा रहा है। पशुपालकों की सुविधा के लिए निगम प्रशासन ने जोन क्रमांक 4 के गोधन खरीदी केन्द्र/एसएलआरएम सेंटर में अलग से पंजीयन कक्ष तैयार किया है। जहां कोई भी पशुपालक पंजीयन फार्म के साथ मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और राशन कार्ड की फोटो कापी जमा कर पंजीयन करवा सकते हैं। गोधन न्याय योजना से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि कर सकता है।

Related Articles

Back to top button