छत्तीसगढ़

कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर जिला प्रशासन ने गणेशोत्सव मनाने जारी किया दिशा निर्देश,

कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर जिला प्रशासन ने गणेशोत्सव मनाने जारी किया दिशा निर्देश,

 

सबका सँदेश कान्हा तिवारी-
जांजगीर-चांपा 20 अगस्त 2020/
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री यशवंत कुमार ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम तथा आमजनों की सुरक्षा के मद्देनजर जिले में कोरोना संक्रमित प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण संक्रमण को रोकने एवं नियंत्रण के लिए जिले में
गणेशोत्सव मनाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जारी आदेश के अनुसार गणेश
मूर्ति की ऊंचाई एवं चैडाई 3×3 फीट
मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फीट से अधिक नही होना चाहिए।
पंडाल के सामने कम से कम 2400 वर्गफीट की खुली जगह होनी चाहिए।
पंडाल एवं सामने 2400 वर्गफीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित नही होना चाहिए।
मुख्य मार्ग , सडक अथवा गलियों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति नही होगी।
पंडाल,मंडप के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो, दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नही लगायें जायेंगे।
किसी भी एक समय में पंडाल एवं मंडप के सामने मिलाकर 10 व्यक्ति से अधिक नही होना चाहिए।
मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर उनका कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकें।
मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति सीसीटीवी कैमरा लगायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर उनका कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकें।
मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नही जायेगा। ऐसा पाए जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाइजर थर्मल स्क्रिनिंग आक्सीमीटर, हेंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विषेश लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नही देने की जिम्मेदारी समिति की होगी।
व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर करायी जायेगी।
यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा वहन किया जावेगा।
कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी।
मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नही होगी।
मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नही होगी।
मूर्ति विसर्जन के लिये एक से अधिक वाहन की अनुमति नही होगी।
मूर्ति विसर्जन के लिये पिक-अप, टाटाएस (छोटाहाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा।
मूर्ति विसर्जन के लिए उपयोग किए जा रहे वाहन में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नही होगी।
मूर्ति विसर्जन के लिये 04 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैंठेगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नही होगी।
मूर्ति विसर्जन के लिये प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कही रूकने की अनुमति नही होगी।
विसर्जन के लिये स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट, मार्ग , तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन के लिए वाहन को ले जाने की अनुमति नही होगी। सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे।
विसर्जन के दौरान मार्ग में कही भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नही होगी।
सूर्यास्त के पश्चात् एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नही होगी।
उपरोक्त शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तो कम से कम 07 दिवस पूर्व शहरी क्षेत्रों के लिये संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिये तहसीलदार कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।
इन सभी शर्ताें के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश 04 जून 2020 के अंतर्गत जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा।
यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा तथा उक्त निर्देशों का उल्लंघन करने पर एपिडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकुल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जावेगी।

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