मुख्यमंत्री भूपेष बघेल एवं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने किया धनकुल ईको एथनिक रिसाॅर्ट का ई-लोकार्पण

विधायक श्री संतराम नेताम एवं बस्तर कमिश्नर सह कलेक्टर लोकार्पण में हुए शामिल
कोण्डागांव, 14 अगस्त। आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के द्वारा कोण्डागांव के धनकुल ईको एथनिक रिसाॅर्ट का ई-लोकार्पण किया। ई-लोकार्पण में मुख्यमंत्री निवास से कृषि मंत्री श्री रवीन्द्र चौबे, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, ग्रामोद्योग मंत्री गुरुरुद्र कुमार, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय एवं विधायक कोण्डागांव मोहन मरकाम इस आयोजन में शामिल हुए। इस अवसर पर रिसाॅर्ट में पहुंच केशकाल विधानसभा विधायक संतराम नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मातलाम, बस्तर कमिश्नर अमृत खलको सहित कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा सहित जनप्रतिनिधि आयोजन में शामिल हुए। इस दौरान विधायक संतराम द्वारा विडियो कांफेंरसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री के निर्देशन में औपचारिक रूप से रिबन काटकर रिसाॅर्ट का लोकार्पण किया गया।
ज्ञात हो कि कोण्डागांव के धनकुल एथनिक रिसाॅर्ट के साथ बिलासपुर जिले के कुरदर हिल ईको रिसाॅर्ट, कबीरधाम के सरोधा दादर बैगा एथनिक रिसाॅर्ट का भी मुख्यमंत्री जी द्वारा आज लोकार्पण किया गया। यह तीनों ईको रिसाॅर्ट स्वदेश दर्शन योजना एवं भारत सरकार के ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत विकसित किये जा रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजुद है। हमारा राज्य धार्मिक, पुरातात्विक, प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासतों से सम्पन्न है। यहां के लोगों को पर्यटन के माध्यम से रोजगार मुहैय्या कराने के साथ उनके आर्थिक स्थिति में उनके सांस्कृतिक गौरव से वृ़िद्ध कराना है साथ ही उन्होने कोण्डागांव के सांस्कृतिक संग्रहालय की भी प्रशंसा की गई। उन्होने कोरोना विपदा काल में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के व्यवसाय में पड़ रहे प्रभाव पर गम्भीर चिंता व्यक्त करते हुए आगामी समय में पर्यटन में नये रोजगारों एवं नये आयामों का विकास कर पर्यटन के क्षेत्र में विकास के प्रति प्रतिबद्धता को व्यक्त किया।
इस दौरान गृह एवं पर्यटन मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत 13 स्थानों पर 96 करोड़ की लागत से ईको एथनिक टूरिस्ट रिसाॅर्ट निर्मित किये जा रहे हैं। जिसमें से इन तीन रिसाॅर्टों को मिलाकर कुल 5 पूर्ण कर लिये गये हैं, जबकि अन्य रिसाॅर्टों को नवम्बर तक पूर्ण कर लिया जायेगा। इन रिसाॅर्टों से जनजातीय एवं ग्रामीण संस्कृति के निकट रहकर पर्यटकों को जिले के सांस्कृतिक धरोहरों को नजदीक से समझने का अवसर प्राप्त होगा। इसके अलावा जनजातीय संस्कृति के वैभव, कला, परम्पराओं, हस्तशिल्प को एक नया आयाम भी प्राप्त होगा।
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उल्लेखनीय है कि कोण्डागांव जिले की खूबसूरत वादियों में पर्यटकों के लिये इस धनकुल में एथनिक रिसॉर्ट का निर्माण किया गया है। धनकुल एथनिक रिसॉर्ट जनजातीय समुदाय की परंपरागत विशेषताओं को वृहद रूप से सजोएं हुए किसी भी ट्राइबल विलेज से कम नहीं है। यहां आगमन के साथ ही जगदलपुर पैलेस की प्रतिकृति में निर्मित भव्य प्रवेश द्वार अपने वैभवशाली अतीत की कहानी खुद बयां करता है। रिसॉर्ट का प्रत्येक स्थल जनजातीय संस्कृति की अनुपम छटा प्रदर्शित करता है। इस रिसॉर्ट में जनजातीय परपंरागत शैली में संग्रहालय का भी निर्माण किया गया है, जहां जनजातीय समुदाय के विभिन्न कालखंडो में दैनिक जीवन में उपयोग में लाए जाने वाले दुर्लभ वाद्य यंत्र, कृषि उपकरण, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, ढोकरा शिल्प, टेराकोटा एवं बांस शिल्प से निर्मित विभिन्न कलाकृतियों को धरोहर के रूप में प्रदर्शित किया गया है। यहां पर पर्यटकों के ठहरने के लिये रूम एवं रेस्टोरेंट की व्यवस्था की गई है। 15 अगस्त से रिसाॅर्ट परिसर में ही गढ़कलेवा को प्रारम्भ किया जाएगा जहां पर पर्यटक स्थानीय पारम्परिक छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भी लुफ्त उठा सकेंगे।
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